Sunday, December 22, 2024
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ईरानी कमांडर के जनाजे में इकट्ठा हुए 10 लाख लोग: भगदड़ में 48 से ज्यादा घायल, 35 की मौत

जनाजे में शीराज से अपने कमांडर को अंतिम विदा देने के लिए केरमान आए लोगों में से एक ने मीडिया को बताया, "हम महान कमांडर को श्रद्धांजलि देने आए हैं।" वहीं, दूसरे ने कहा, "हज कासिम (सुलेमानी) से लोग ना सिर्फ केरमान या ईरान में मोहब्बत करते थे, बल्कि पूरी दुनिया में लोग उनसे मोहब्बत करते थे।"

अमेरिकी ड्रोन हमले में 3 जनवरी को मारे गए ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी के जनाजे में आज 10 लाख लोग जुटे। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरान सुलेमानी के गृहराज्य केरमान में सुपुर्द-ए-खाक से पहले ही लोगों में भगदड़ मच गई। जिसके कारण वहाँ 35 लोगों की मौत हो गई। जबकि, 48 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए। इस खबर की पुष्टि समाचार एजेंसी एपी ने ईरानी टीवी के हवाले से की।

जानकारी के मुताबिक, एक ओर जहाँ रेवोल्यूशनरी गार्ड की विदेशी शाखा के कमांडर के गृह नगर में बहुत काफी बड़ी संख्या में लोग उन्हें अंतिम विदाई देने आए। वहीं, इतनी ही संख्या में तेहरान, कोम, मशहद और अहवाज में भी लोग सड़कों पर मौजूद थे। बड़ी संख्या में लोग आजादी चौक पर जमा हुए। जहाँ राष्ट्रीय झंडे में लिपटे दो ताबूत रखे गए। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि इनमें एक ताबूत सुलेमानी का और दूसरा ताबूत उनके करीबी सहयोगी ब्रिगेडियर जनरल हुसैन पुरजाफरी का है।

बता दें, जनाजे में शीराज से अपने कमांडर को अंतिम विदा देने के लिए केरमान आए लोगों में से एक ने मीडिया को बताया, “हम महान कमांडर को श्रद्धांजलि देने आए हैं।” वहीं, दूसरे ने कहा, “हज कासिम (सुलेमानी) से लोग ना सिर्फ केरमान या ईरान में मोहब्बत करते थे, बल्कि पूरी दुनिया में लोग उनसे मोहब्बत करते थे।”

गौरतलब है कि कमांडर के जनाजे में कई लाखों लोगों को इकट्ठा देख ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, “क्या डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पूरी जिंदगी में इतनी भीड़ देखी है? क्या तुम अब भी क्षेत्र के बारे में जानकारी के लिए अपने जोकरों पर निर्भर रहोगे? क्या तुम्हें अभी भी लगता है कि तुम इस महान देश और इसके लोगों को तोड़ सकते हो। पश्चिमी एशिया से अमेरिका की शैतानी मौजूदगी का खात्मा शुरू हो गया है। 

बता दें जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या होने के बाद ईरान ने अमेरिका की सभी सेनाओं को आतंकी घोषित कर दिया है। इसके बाद अब ईरान अपने क्षेत्र के आसपास मौजूद अमेरिकी सेना पर कार्रवाई कर सकता है। ईरानी संसद के मुताबिक, अब पश्चिमी एशिया में इन सेनाओं की किसी भी तरह की मदद (खुफिया, तकनीकी, वित्तीय) को आतंक का सहयोग करार दिया जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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