पाकिस्तान से आजादी की मॉंग जोड़ पकड़ने के साथ ही बलूचिस्तान में नेताओं की हत्या का सिलसिला शुरू हो गया है। बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (बीएनपी) के नेता मीर नवाब अमानुल्लाह जेहरी की खुजदार में शुक्रवार देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई।
हमलावरों ने जेहरी के 14 साल के पोते और दो मित्रों को भी गोलियों से छलनी कर दिया। बीएनपी अध्यक्ष और नेशनल एसेंबली के सदस्य अख्तर मेंगल ने जेहरी की हत्या की पुष्टि की है। उन्होंने ट्वीट कर जेहरी की हत्या को “पार्टी और बलूचिस्तान की जनता के लिए काला दिवस करार दिया है।”
मेंगल ने कहा, “बीएनपी और बलूचिस्तान की जनता के लिए एक और काला दिन। जेहरी की हत्या से हम सभी बेसहारा हो गए हैं। शहीद जेहरी और उनके मित्र तथा निर्दोष पोते की मध्य रात्रि निर्मम ढंग से हत्या का समाचार सुन सन्न हूँ।” डॉन के मुताबिक मृतकों के शव उनके परिजनों के हवाले कर पुलिस मामले की जॉंच कर रही है।
Another dark day for BNP and the people of Balochistan. This loss has deprived us all. I’m lost of words today. Devastated to learn that Shaheed Amanullah Zehri with his friends and innocent grandson have been brutally killed in the middle of the night. May Allah have mercy. pic.twitter.com/devyKJ4YbM
— Akhtar Mengal (@sakhtarmengal) August 17, 2019
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निष्प्रभावी किए जाने के बाद से ही बलूचिस्तान में भी पाकिस्तान के खिलाफ आवाजों ने जोर पकड़ लिया है। आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे क्रांतिकारियों और सेनानियों ने पाकिस्तान के चंगुल से आज़ाद होने के लिए हिंदुस्तान से मदद माँगी है।
पाकिस्तान को अपने स्वतन्त्रता दिवस (14 अगस्त) के दिन तब शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब ट्विटर पर बलूचिस्तान के समर्थन में BalochistanSolidarityDay और 14thAugustBlackDay हैशटैग ट्रेंड करने लगा था। इन ट्रेंडों पर तकरीबन क्रमशः 100,000 और 54,000 ट्वीट्स हुए।
पाकिस्तान के कब्जे के खिलाफ बलूचिस्तान 1948 से ही संघर्ष करता आ रहा है। इस इलाके में पाकिस्तानी सेना पर मानवाधिकार के जघन्य आरोप आए दिन लगते रहते हैं। बलूचों की आवाज दबाने के लिए समय-समय पर उनके नेताओं की भी हत्याएँ होती रही है। अमूमन ऐसी हत्याओं का दोष अज्ञात हमलावरों के सिर मढ़ दिया जाता है जो कभी पकड़ में नहीं आते।