पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपने ही देश के लोगों को अधीर करार दिया है। एक कार्यक्रम के दौरान ख़ान ने कहा कि उनकी सरकार ने ग़रीबों के उत्थान के लिए जितने रुपए ख़र्च किए हैं, उतना पिछली किसी भी
सरकार ने नहीं किया। इस दौरान ख़ान ने पाकिस्तान को मदीना बनाने के वादे के बारे में बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान के लोग 13 महीने में ही उतावले हो उठे हैं। उन्होंने कहा कि अभी 13 महीने ही हुए हैं और लोग पूछते हैं कि मदीना कहाँ है? ख़ान ने कहा, “मैं बताना चाहता हूँ कि मदीना कोई एक दिन में नहीं बन गया था।“
इमरान ख़ान ने अपने देश की जनता के सवालों से परेशान होकर ये बातें कही। उन्होंने चुनाव के दौरान ‘नया पाकिस्तान’ बनाने का वादा किया था और सरकार बनने के बाद भी वह कई बार ‘नया पाकिस्तान’ की बात करते रहे हैं। अब जब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता है और महँगाई लगातार आसमान छू रही है, इमरान ख़ान को लोगों के सवालों ने परेशान कर दिया है। वो बड़े-बड़े वादे पूरा करने में नाकाम सिद्ध हुए हैं, इसलिए अपने देश की जनता को ही उन्होंने बेसब्र बता दिया।
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— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) October 7, 2019
इमरान ने ये बातें इस्लामाबाद में ‘अहसास लंगर योजना’ के उद्घाटन के मौके पर कही। ‘सैलानी ट्रस्ट’ के साथ मिल कर शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य ग़रीबों को भोजन उपलब्ध कराना है। पाकिस्तान सरकार इसके पहले चरण में 112 किचन की स्थापना करने जा रही है। इसके तहत इस्लामाबाद में रोजाना 600 लोगों को भोजन उपलब्ध कराए जाने की योजना है। प्रधानमंत्री इमरान ख़ान का दावा है कि वो एक भी व्यक्ति को भूखे सोने नहीं देंगे। ‘सैलानी ट्रस्ट’ ने दावा किया कि इस योजना के तहत पहले किचन को सिर्फ़ 10 दिन में ही स्थापित कर लिया गया।
इसी कार्यक्रम के दौरान इमरान ख़ान अपने ही वादों के बोझ तले दबे नज़र आए और उन्होंने कह दिया कि मदीना कोई एक दिन में नहीं बन गया था। हालाँकि, उन्होंने कहा कि वह मदीना की तर्ज पर विकास और जनकल्याण की सुविधाएँ उपलब्ध करा कर पाकिस्तान को मदीना ज़रूर बनाएँगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बदलाव होगा लेकिन इसमें समय लगेगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कारोबारियों को अच्छा माहौल देने के लिए काम कर रही है। उनसे टैक्स लेकर गरीबों के लिए काम करने की दिशा में भी लगी हुई है। इसके बावजूद लोगों से सब्र नहीं होता और वे पूछने लगते हैं कि तेरह महीने हो गए हैं, कहाँ है नया पाकिस्तान।
Head of an Islamic welfare state isn’t meant to just rule but to serve!
— PTI (@PTIofficial) October 7, 2019
Following the model of Riasat e Madina & taking ownership of our people, PM Khan launches the Food Drive under the #Ehsaas program. Free food for the underprivileged will be served by Govt of Pakistan. pic.twitter.com/n1aDWtmGaS
जुलाई 2018 में मतगणना के बाद सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बाद तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख इमरान ख़ान ने कहा था कि वे मदीना की तरह पाकिस्तान में सरकार चलाएँगे। उन्होंने मदीना की तर्ज पर लोगों को बराबरी देने के लिए उनके वित्तीय हितों की रक्षा करने का वादा किया था। उन्होंने कहा था कि जिस तरह से मदीना में ग़रीबों और विधवाओं का ख्याल रखा जाता है, वैसा पाक में भी होगा।