एक कैथोलिक चर्च की नन जब मिशनरी का काम करने के बाद वापस पहुँचीं तो चर्च में हंगामा खड़ा हो गया। यह मामला उस वक़्त सामने आया जब समाजसेवा के नाम पर मिशनरी की ओर से काम करने गईं चर्च की दोनो नन अपने-अपने घर चली गईं मगर बाद में उन्हें इस बात का पता चला कि वह गर्भवती हैं और इस अवस्था में उन्हें कई दिन हो गए हैं।
जब यह मामला चर्च तक पहुँचा तो जाँच के आदेश दिए गए, पता चला कि मिशनरी के काम पर बाहर निकली इन दोनों औरतों और किसी पुरुष के बीच शारीरिक सम्बन्ध बनाए गए थे जिसके चलते यह स्थिति सामने आई और दोनों गर्भवती हो गईं। दो अलग-अलग पंथ को मानने वाली इन दोनों महिलाओं को अपने गर्भवती होने का जब आभास हुआ तब तक काफी देर हो चुकी थी। इनमें से एक महिला को अपनी गर्भवती होने की जानकारी तब हुई जब वह पेट में दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल गई। इसके बाद जाँच में पाया गया कि वह गर्भवती हैं।
अफ़्रीकी महाद्वीप के सिसिली की रहने वाली यह नन बच्चे को जन्म देने के इतना करीब पहुँच गई कि उसने आखिर में अपना ठिकाना पलेर्मो को बना लिया। वहीं दूसरी नन को जब तक इस बात की जानकारी मिली तब तक वह अपने घर मेडागास्कर पहुँच चुकी थी। दरअसल यह महिला नन वाले अपने जीवन को छोड़ने पर विचार भी कर रही थी।
वहीं दूसरी ओर चर्च ने इन दोनों ही नन पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए जाँच शुरू कर दी है। ईसाईयों में नन और बिशप दोनों को अविवाहित जीवन की शपथ लेनी होती है जिसके बाद शारीरिक सम्बन्ध बनाने की आज़ादी नहीं रह जाती। बहुत सी नन महिलाओं ने कैथोलिक चर्च और मिशनरियों में पादरी द्वारा उनका शारीरिक शोषण करने के चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में भी ऐसे ही कई मामले हैं जिनमें से एक के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया था। इस कड़ी में सबसे अहम केस बिशप फ्रांको का है। इसी साल की शुरुआत में कई नन महिलाओं द्वारा ईसाई मिशनरियों में होने वाले शारीरिक शोषण को लेकर कई खुलासे किए गए थे जिसके बाद खुद पोप फ्रांसिस ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि बहुत से बिशप-पादरियों ने कई नन महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया था।