उबर को 2017 से 2018 के बीच यौन उत्पीड़न की 5,981 शिकायतें मिली। इसमें से 464 मामले रेप के हैं। यह पहला मौका है जब उबर ने इस तरह के आँकड़े जारी किए है। यह आँकड़ा केवल अमेरिका का है। सीएनएन के मुताबिक 84 पन्नों की रिपोर्ट में बताया गया है कि रेप पीड़ितों में से 92 फीसदी सवारी और 7 फीसदी चालक थे। रिपोर्ट में कंपनी से जुड़े 19 जानलेवा मामलों का भी खुलासा किया गया है। उत्पीड़न की बढ़ती शिकायतों के कारण उबर और उसकी प्रतिद्वंद्वी ‘लिफ्ट’ पर लगातार इनसे निपटने का दबाव बढ़ रहा है।
कंपनी को 2017 और 2018 में कुल मिलाकर बलात्कार के प्रयास की 587 शिकायतें मिली। उत्पीड़न के अन्य मामले बिना सहमति के छूने और चुंबन से संबंधित हैं। रिपोर्ट के अनुसार, “उबर ने 2017 से 2018 के बीच पॉंच सबसे गंभीर श्रेणी के यौन उत्पीड़न मामलों में 16 प्रतिशत गिरावट दर्ज की है। सभी पॉंच श्रेणियों में गिरावट दर्ज की गई है।”
उबर की रिपोर्ट के अनुसार 2017 में जानलेवा शारीरिक उत्पीड़न के 10 और 2018 में नौ मामले सामने आए।उबर ने कहा कि मारे गए लोगों में आठ सवारियॉं, सात चालक और चार तीसरे पक्ष यानी आसपास के लोग थे। 2017 में यौन हिंसा के 2,936 और 2018 में 3,045 मामले सामने आए। हालाँकि उबर का कहना है कि जिस बड़े पैमाने पर वह सेवा दे रही है उस लिहाज से अपराध का आँकड़ा बहुत ही कम है। अमेरिका में उबर ने पिछले साल 1.3 बिलियन लोगों को सेवा मुहैया कराई था। इतनी बड़ी संख्या में सवारी के लिहाज से अपराध का आँकड़ा एक फीसदी से भी काम बैठता है।
गौरतलब है कि 2017 में उबर का एक मामला भारत में भी बेहद सुर्खियों में रहा था। एक महिला ने सफर के दौरान रेप और यौन हिंसा की शिकायत उबर चालक के खिलाफ दर्ज करवाई थी। बाद में उसने उबर पर भी केस कर दिया था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार महिला ने आरोप लगाया था कि उबर ने उसके मेडिकल रिकॉर्ड्स के साथ छेड़छाड़ की थी। हालॉंकि बाद में दोनों के बीच समझौता हो गया था।
अमेरिका में एक साल पहले सीएनएन ने उबर सवारी के दौरान यौन हिंसा को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। इससे पता चला था कि बीते चार साल के दौरान अमेरिका में उबर के 103 ड्राइवर के खिलाफ सवारी ने यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। यह पहला मौका था जब अमेरिका में उबर सफर के दौरान सुरक्षा का मुद्दा गरमाया था।