Friday, November 8, 2024
Homeविविध विषयअन्यकेंद्र सरकार ने 30 विश्वविद्यालयों में EWS आरक्षण लागू करने के लिए दिए ₹1500...

केंद्र सरकार ने 30 विश्वविद्यालयों में EWS आरक्षण लागू करने के लिए दिए ₹1500 करोड़

सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को आरक्षण किसी अन्य श्रेणी के आरक्षण को प्रभावित किए बिना मिलेगा। यानी कि ये आरक्षण एससी/एसटी/ओबीसी जैसी अन्य श्रेणियों को मिलने वाले आरक्षण से अलग होगा।

आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के बच्चों को शिक्षण संस्थानों में आरक्षण देने की दिशा में केंद्र सरकार ने पहल की है। केंद्र ने 2019-20 शैक्षणिक सत्र से सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10% आरक्षण लागू करने के लिए 30 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को ₹1,496 करोड़ जारी करने की मंजूरी दी है। इससे 2019-20 के सत्र में एडमिशन लेने वाले छात्रों को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।

हालाँकि, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) और विश्व भारती जैसे कुछ विश्वविद्यालयों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय से पहले ही स्वीकृति पत्र मिल चुके हैं और कुछ अन्य जैसे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) को जल्द ही स्वीकृति पत्र मिलने की संभावना है। डीयू को ₹143.8 करोड़ की मंजूरी मिली है, जबकि इससे संबद्ध कॉलेजों के लिए सरकार ने ₹47.2 करोड़ स्वीकृत किए हैं।

सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को आरक्षण किसी अन्य श्रेणी के आरक्षण को प्रभावित किए बिना मिलेगा। यानी कि ये आरक्षण एससी/एसटी/ओबीसी जैसी अन्य श्रेणियों को मिलने वाले आरक्षण से अलग होगा। इससे आर्थिक रुप से गरीब छात्रों के लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय या संस्थान में सीटों की संख्या में 25 फीसदी की वृद्धि होगी।

जानकारी के अनुसार, अधिकतर विश्वविद्यालयों में बढ़ी हुई 25 सीटों को दो चरणों में लागू करने वाली है। 2019-20 शैक्षणिक सत्र में 10 फीसदी और 2020-21 में 15 फीसदी सीटों को लागू किए जाने की संभावना है। वैसे, जेएनयू समेत कुछ अन्य विश्वविद्यालयों के 2019-20 के शैक्षणिक सत्र में ही इसे लागू करने की खबर है।

एचआरडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आगामी शैक्षणिक सत्र से आर्थिक रुप से कमजोर छात्रों के आरक्षण के कार्यान्वयन के लिए कुल ₹1,496 करोड़ मंजूर किए गए हैं। जिनमें से रखरखाव के लिए ₹230 करोड़, सैलरी के लिए ₹249 करोड़ जारी किए गए हैं, तो वहींं ₹957 करोड़ निर्माण और बुनियादी ढाँचे के लिए दिए गए है।

फिलहाल स्नातक स्तर पर 23 आईआईटी में 12,000 सीटें हैं। दो चरणों में ईडब्ल्यूएस कोटा लागू होने पर ये संख्या बढ़कर लगभग 17,000 हो जाएगी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार (जून 11, 2019) को केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपतियों के साथ बैठक की और फिर उन्होंने कुछ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को मंजूरी पत्र प्रदान किया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

रवीश जी मुरझा नहीं गया है मिडिल क्लास, पर आपका जो सूजा है उसका दर्द खूब पहचानता है मिडिल क्लास: अब आपके कूथने से...

रवीश कुमार के हिसाब से देश में हो रही हर समस्या के लिए हिंदू इसलिए जिम्मेदार है क्योंकि वो खुद को हिंदू मानता है।

अब ‘डिग्री’ वाले मौलवी नहीं होंगे पैदा, पर बच्चों को आधुनिक शिक्षा से दूर रखना कितना जायज: क्या मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के...

अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च शिक्षा से संबंधित फाजिल और कामिल पर मदरसा अधिनियम के प्रावधान असंवैधानिक हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -