Friday, November 8, 2024
Homeविविध विषयअन्य86% उज्ज्वला लाभार्थी दूसरा सिलेंडर खरीदते हैं, सीने में दिक्कत में भी कमी आई...

86% उज्ज्वला लाभार्थी दूसरा सिलेंडर खरीदते हैं, सीने में दिक्कत में भी कमी आई है: पेट्रोलियम मंत्री

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि आँकड़ों के हिसाब से तेल कंपनियाँ देश में लगभग 7.34 करोड़ कनेक्शन बाँट चुकीं हैं। उज्ज्वला के बाद से सीने की शिकायतों में 20% कमी आई है।

उज्ज्वला स्कीम की बड़ी विपक्षी आलोचना, कि एक सिलेंडर लेने के बाद लोग दूसरा सिलेंडर लेने में रुचि नहीं दिखाते, का पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने खण्डन किया है। संसद में उन्होंने दावा किया कि 86% के करीब उज्ज्वला लाभार्थी दूसरा सिलेंडर लिए हैं। गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देने की ‘उज्ज्वला’ योजना को मोदी सरकार की सबसे महत्वाकाँक्षी योजनाओं में से एक माना जाता था, और लोक सभा में अकेली भाजपा के 303 सांसदों को पहुँचाने में इसकी बड़ी भूमिका मानी जाती है। प्रधान लोक सभा के प्रश्न काल में बोल रहे थे।

9000 डिस्ट्रीब्यूटरों ने एलपीजी सुलभ बनाई

धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी दावा किया कि पिछले पाँच वर्षों में 9000 वितरकों (डिस्ट्रीब्यूटरों) का नेटवर्क खड़ा कर एलपीजी को सर्वसुलभ बनाया गया है। यह वितरक तेल विपणन कंपनियों (ऑइल मार्केटिंग कम्पनीज़, OMCs) के माध्यम से खड़े किए गए हैं। प्रधान द्वारा दिया गया 86% उज्ज्वला लाभार्थियों द्वारा नियमित ग्राहक बनने का आँकड़ा भी इन्हीं कंपनियों के द्वारा दिए गए आँकड़ों पर आधारित है। “OMCs ने सूचित किया है कि कम-से-कम एक साल पुराने गैस कनेक्शन धारकों में से लगभग 86% दूसरे सिलेंडर के लिए लौट कर आए हैं।” उन्होंने एलपीजी सब्सिडी भी ‘पहल’ (प्रत्यक्ष हस्तांतरण लाभ) के तहत लोगों के खाते में सीधे हस्तांतरित किए जाने की जानकारी सदन को दी।

7 करोड़+ गैस कनेक्शन, 14 की बजाय 5 किलो के सिलेंडर का विकल्प

धर्मेंद्र प्रधान ने सदन को यह भी सूचित किया कि तेल कंपनियाँ लोगों को एलपीजी गैस के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न कदम उठा रही हैं। मसलन, आवश्यकतानुसार लोग 14 किलो के बड़े सिलेंडर को 5 किलो के छोटे सिलेंडर से भी बदल सकते हैं, एलपीजी के लगातार इस्तेमाल के फायदों और इसके सुरक्षित प्रयोग के प्रति जागरूकता के लिए प्रधान मंत्री एलपीजी पंचायत का आयोजन आदि। इसके अलावा जो लोग रीफिल के लिए नहीं आते, उन तक एसएमएस के ज़रिए पहुँचना, होर्डिंग, बैनरों का प्रयोग आदि भी कंपनियों द्वारा किए जाने की बात धर्मेंद्र प्रधान ने की।

प्रधान ने यह भी बताया कि 8 जुलाई, 2019 तक के आँकड़ों के हिसाब से तेल कंपनियाँ देश में लगभग 7.34 करोड़ कनेक्शन बाँट चुकीं हैं। उन्होंने एक और बड़ा दावा यह भी किया कि उज्ज्वला योजना के कार्यान्वन के बाद से देश में सीने में दिक्कत की शिकायतों में 20% कमी आई है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने उज्ज्वला अपनाने के लिए लोगों से जो अपील की थी, उसमें एक भावनात्मक पहलू महिलाओं को उपले और कण्डे पर खाना बनाने में होने वाली श्वास-संबंधी और सीने की अन्य बीमारियों का भी था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘मैं हिंदू हूँ इसलिए प्रोफेसर एहतेशाम 3 साल से जान-बूझकर कर रहे हैं फेल’: छात्रा के आरोप पर AMU का दावा- नकल करते पकड़ी...

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) की एक हिन्दू छात्रा ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम ना होने के कारण उसे लगातार फेल किया जा रहा है।

लोकसभा की तरह महाराष्ट्र चुनाव में भी ‘वोट जिहाद’ की तैयारी, मुस्लिमों को साधने में जुटे 180 NGO: रोहिंग्या-बांग्लादेशियों के बढ़ते दखल पर TISS...

महाराष्ट्र में बढ़ती मुस्लिमों की आबादी का परिणाम क्या होता है ये मई-जून में हुए लोकसभा चुनावों में हमने देखा था। तब भी मुस्लिमों को इसी तरह एकजुट करके वोट कराया गया था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -