प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करने की सलाह दी थी, उसे मात्र 13 दिन में 50 मिलियन लोगों ने डॉउनलोड कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। कुछ तकनीक से निर्मित चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें समाज के हर तबके के बीच पहुँचने में लंबा समय लग जाता है। कई बार लोग उन चीजों का उपयोग करते भी हैं और कई बार नहीं भी। लेकिन आज जब दुनिया विकल्पों के बीच घिरी हुई है, उस समय किसी एक चीज को समाज द्वारा इतने तेजी से स्वीकारना उसकी उपयोगिता का बखान स्वंय करता है। कोरोना के मद्देनजर कुछ ऐसा ही कमाल आरोग्य सेतु ऐप ने कर दिखाया है।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने इस संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने कोरोना से लड़ने के लिए तैयार की गई इस ऐप की सफलता को बताते हुए लिखा, “टेलीफोन को 75 साल लगे 50 मिलियन यूजर्स तक पहुँचने में। रेडियो को 38 साल, टेलीविजन को 13 साल , इंटरनेट को 4 साल , फेसबुक को 19 महीने, पॉकेमॉन गो को 19 दिन लगे। लेकिन कोरोना से लड़ने के लिए तैयार की गई ऐप को सिर्फ़ 13 दिनों में 50 मिलियन यूजर मिल गए हैं। यह वैश्विक स्तर पर किसी ऐप के लिए सबसे तेज है। भारत की प्रतिबद्धता को सलाम! “
Telephone took 75 years to reach 50 milion users, radio 38 yrs,television 13 yrs,Internet 4 yrs, Facebook 19 months, Pokemon Go 19 days. #AarogyaSetu,India’s app to fight COVID-19 has reached 50 mn users in just 13 days-fastest ever globally for an App
— Amitabh Kant (@amitabhk87) April 14, 2020
Salute the spirit of India! pic.twitter.com/xKqt3Tmj4f
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा लॉंच किए गए इस ऐप को डाउनलोड करने की सलाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने संबोधन में दी थी। यह ऐप न केवल आपको कोरोना के बारे में सभी जानकारी उपलब्ध कराता है, बल्कि कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे और जोखिम का आकलन करने में भी मदद करता है। इसका इस्तेमाल एंड्रॉयड और आईफोन दोनों तरह के स्मार्टफोन में किया जा सकता है। इस ऐप के जरिए आसपास मौजूद कोरोना पॉजिटिव लोगों के बारे में पता लगाने में मदद मिलती है।।
बता दें, इस ऐप की खासियत है कि इसे 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया गया है। यानी देशव्यापी समस्या से लड़ने के लिए सरकार ने इस ऐप से भाषा की समस्या को दूर कर दिया है। इस ऐप के लिए ब्लूटूथ और जीपीएस डेटा की जरूरत पड़ती है। बिना नंबर रजिस्टर किए ये काम नहीं करता। इसके अलावा ये आपको स्वयंसेवक बनने का मौका देता है। यदि आप इस महामारी में वॉलिंटियर की तरह काम करने की इच्छा रखते हैं तो आपके पास खुद को इसमें नामांकित करने का विकल्प है। इस ऐप में रंगों के माध्यम से आपको सुझाव दिया जाता है और बताया जाता है कि आप सुरक्षित या नहीं। इसमें सेल्फ असेसमेंट टेस्ट होता है। साथ ही चैट विंडो के जरिए सेहत और लक्षण से जुड़े सवालों से उन्हें आँका जाता है।