Sunday, November 17, 2024
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अपनी सभी कंपनियों की स्वतंत्र जाँच खुद कराएगा अडानी समूह, ऑडिट के लिए अमेरिकी थिंक टैंक को लगाया: रिपोर्ट

बता दें कि कंपनी के शेयरों में जारी लगातार गिरावट को लेकर अडानी समूह ने निवेशकों को आश्वस्त करते हुए कहा था कि व्यापार करने के लिए उनके पास पर्याप्त योजनाएँ और पूँजी है।

शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद अडानी समूह ने बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, अडानी समूह ने अपनी कुछ कंपनियों की स्वतंत्र रूप से जाँच कराने के लिए अमेरिकी कंपनी अकाउंटेंसी कंपनी ग्रांट थॉर्नटन की नियुक्ति की है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर में लगातार गिरावट देखी गई है। बीते 3 सप्ताह में अडानी ग्रुप को करीब 120 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह की ओर से बीते सप्ताह कहा गया था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उसकी कंपनियों के वित्तीय लेनदेन और आंतरिक कामकाज ठीक है या नहीं इसके लिए स्वतंत्र जाँच कराने पर विचार किया जा रहा है। इसके बाद अब यह खबर सामने आई है। हालाँकि, इस जाँच को लेकर न तो अडानी समूह ने पुष्टि की है और न ही ग्रांट थॉर्नटन ने इसको लेकर कोई भी बयान जारी किया है।

बता दें कि कंपनी के शेयरों में जारी लगातार गिरावट को लेकर अडानी समूह ने निवेशकों को आश्वस्त करते हुए कहा था कि व्यापार करने के लिए उनके पास पर्याप्त योजनाएँ और पूँजी है। अडानी समूह की ओर से कंपनी के पोर्टफोलियो के आधार पर शेयर धारकों को आकर्षक रिटर्न देने के लिए भी आश्वस्त किया गया था।

गौरतलब है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) हिंडनबर्ग द्वारा अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों की जाँच कर रहा है। यही नहीं, सेबी पहले से ही अडानी इंटरप्राइजेज के 20 हजार करोड़ रुपए के एफपीओ मामले की भी जाँच कर रहा है। बता दें कि अडानी ग्रुप ने इस एफपीओ को पूरी तरह से भरने के बाद रिटर्न कर दिया था।

उल्लेखनीय है कि हिंडनबर्ग ने गत 24 जनवरी को 88 सवालों की एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में अडानी समूह पर कॉरपोरेट जगत की सबसे बड़ी धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया था। इस रिपोर्ट में अडानी समूह पर शेयरों को मनिप्यूलैशन और अकाउंटिंग फ्रॉड का भी आरोप लगाया गया था।

इन आरोपों के जवाब में अडानी समूह ने हिंडनबर्ग को 413 पन्नों का जवाब दिया था। इस जवाब में अडानी समूह ने दावा किया था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट स्पष्ट तौर पर मुनाफाखोरी करने के लिए तैयार की गई है। यह रिपोर्ट न तो स्वतंत्र है और न ही उद्देश्यपूर्ण है। अडानी समूह के निवेशकों की संख्या बहुत अधिक है। इन निवेशकों को नुकसान पहुँचाते हुए शॉर्ट सेलिंग कर मोटा मुनाफा कमाने के लिए हिंडनबर्ग ने झूठा बाजार (फाल्स मार्केट) बनाने का प्रयास कर रहा है। बता दें कि शॉर्ट सेलिंग में किसी भी कंपनी के शेयरों की गिरावट में पैसा लगाया जाता है।

अडानी समूह ने यह भी कहा था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में दी गई जानकारी खासतौर से चुनी गई हैं। इसमें ऐसी बातें कहीं गईं हैं जो वर्षों से सार्वजनिक हैं। यानी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध हैं। यह रिपोर्ट सिर्फ एक कंपनी पर एक हमला नहीं है। बल्कि भारत, भारतीय संस्थाओं की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता तथा भारत की विकास गाथा और महत्वाकांक्षाओं पर एक सुनियोजित हमला है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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