Friday, November 15, 2024
Homeविविध विषयअन्य'कोविशील्ड' के बाद पहले स्वदेशी कोरोना टीके 'कोवैक्सीन' को मिली एक्सपर्ट कमेटी की मंजूरी

‘कोविशील्ड’ के बाद पहले स्वदेशी कोरोना टीके ‘कोवैक्सीन’ को मिली एक्सपर्ट कमेटी की मंजूरी

“कोरोना का टीका पहले चरण में तीस करोड़ लोगों को मुफ्त मिलेगा। इनमें एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मी और दो करोड़ अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी होंगे। तथा 27 करोड़ अन्य वरिष्ठ व्यक्तियों को जिनकी आयु 50 साल से ऊपर है।”

‘कोविशील्ड’ के बाद देश को पहला स्वदेशी टीका ‘कोवैक्सीन’ भी मिल गया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की कोविड-19 पर बनी विशेषज्ञों की समिति ने शनिवार (जनवरी 02, 2021) को भारत बायोटेक द्वारा विकसित इस टीके को भी आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, “कोरोना का टीका पहले चरण में तीस करोड़ लोगों को मुफ्त मिलेगा। इनमें एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मी और दो करोड़ अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी होंगे। तथा 27 करोड़ अन्य वरिष्ठ व्यक्तियों को जिनकी आयु 50 साल से ऊपर है।” इससे पहले, सीरम इंस्टीट्यूट की ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी गई थी।

बता दें कि ‘कोवैक्सीन’ पहली ऐसी कोविड-19 वैक्सीन है, जिसे ICMR के सहयोग से देश में ही विकसित किया गया है। इसे भारत बायोटेक ने विकसित किया है। इस वैक्सीन को भारत बायोटेक व एनआईवी पुणे ने मिलकर तैयार किया है।

जानकारी के मुताबिक कोरोना वायरस वैक्सीन का आकलन करने वाली विशेषज्ञों की समिति ने एक बैठक के बाद हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक को शनिवार की दोपहर बैठक के लिए बुलाया था। प्राथमिकता के आधार पर लोगों को जुलाई तक किस तरह से टीका लगाया जाएगा, इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इन लाभार्थियों में 50 वर्ष से अधिक आयु के लोग और पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त इससे कम उम्र के लोग भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, टीके को मंजूरी देने से पहले हम किसी भी प्रोटोकॉल से समझौता नहीं करेंगे।

दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में टीकाकरण के पूर्वाभ्यास की समीक्षा करने पहुँचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “कोरोना का टीका आने के बाद सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मचारी, सुरक्षा जवान और पुलिसकर्मियों को उपलब्ध होगा। देश में अभी करीब एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मचारी हैं और दो करोड़ सुरक्षा व पुलिस के जवान। इन लोगों को टीका देने के बाद नगर निगम/पालिका और पंचायत के कर्मचारी, पहले से बीमार और 50 या उससे अधिक वर्ष की आयु के लोगों को टीका दिया जाएगा।”

इनकी संख्या करीब 27 करोड़ है। इन्हें दो अलग-अलग चरणों में टीका दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 30 करोड़ लोगों को दो-दो खुराक उपलब्ध कराने में कम से कम पाँच से छ: महीने का वक्त लग सकता है। इसी साल के मध्य तक यह लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद ही किसी और व्यक्ति को टीका मिल सकता है। वहीं, जब हर्षवर्धन से सवाल पूछा गया कि कोरोना वैक्सीन जैसे दिल्ली में मुफ्त होगी, क्या वैसे ही सभी राज्यों में भी मुफ्त होगी?

इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोरोना टीका दिल्ली में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में मुफ्त होगा। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को ही कोरोना टीकाकरण के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशील्ड टीके को आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दी गई थी। 

वहीं एम्स (AIIMS) के निदेशक रणदीप गुलेरिया (Director Dr. Randeep Guleria) ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 के रोलआउट के लिए भारत आने वाले 10-14 दिनों में तैयार हो जाएगा।

डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, “हम लोग बहुत धीमी गति से वैक्सीनेशन शुरू करेंगे, तब तक और वैक्सीन आ जाएँगे। वैक्सीनेशन प्रोसेस जब शुरू होगी तब एक प्रॉपर टाइ्म टेबल के साथ-साथ भीड़ को मैनेज करने के तरीके की भी जरूरत होगी। हम लोगों को यह भी तय करना होगा कि कोल्ड स्टोरेज की कमी की वजह से वैक्सीन बेकार न जाए। इस बात में ड्राइ रन हमारी मदद करेगा।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अंग्रेज अफसर ने इंस्पेक्टर सदरुद्दीन को दी चिट… 500 जनजातीय लोगों पर बरसने लगी गोलियाँ: जब जंगल बचाने को बलिदान हो गईं टुरिया की...

अंग्रेज अफसर ने इंस्पेक्टर सदरुद्दीन को चिट दी जिसमें लिखा था- टीच देम लेसन। इसके बाद जंगल बचाने को जुटे 500 जनजातीय लोगों पर फायरिंग शुरू हो गई।

कश्मीर को बनाया विवाद का मुद्दा, पाकिस्तान से PoK भी नहीं लेना चाहते थे नेहरू: अमेरिकी दस्तावेजों से खुलासा, अब 370 की वापसी चाहता...

प्रधानमंत्री नेहरू पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए पाक अधिकृत कश्मीर सौंपने को तैयार थे, यह खुलासा अमेरिकी दस्तावेज से हुआ है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -