लंबे समय से चल रहे आयोध्या विवाद पर मंगलवार (अगस्त 13, 2019) को भी सुनवाई चल रही है। इस दौरान कोर्ट ने रामलला के वकील से पूछा कि राम का जन्मस्थान कहाँ है? तो वकील एस सी वैद्यनाथन ने इसका जवाब देते हुए कहा कि राम का जन्मस्थान बाबरी मस्जिद के गुंबद के नीचे है। साथ ही वैद्यनाथन ने ये भी कहा कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से विवादित स्थल पर उनका मालिकाना हक साबित नहीं किया गया और जब भी हिंदू वहाँ पर पूजा करने की खुली छूट माँगते हैं, तो विवाद होना शुरू हो जाता है।
LIVE: SC ने पूछा- राम का जन्मस्थान कहां? वकील बोले- बाबरी मस्जिद के गुंबद के नीचे – Ayodhya ram janmabhoomi babri masjid case supreme court – AajTak https://t.co/thK0o8X6Cw
— Jyoti sharma ✍️???????? (@Jyotishrma16) August 13, 2019
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील वैद्यनाथन ने एक मुस्लिम गवाह का हवाला देते हुए कहा कि 72 साल के मोहम्मद हाशिम ने गवाही में कहा था कि हिंदुओं के लिए अयोध्या उतना ही महत्व रखता है, जितना समुदाय विशेष के लिए मक्का।
साथ ही वकील वैद्यनाथन ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने ही अपने एक फैसले में कहा था कि मंदिर के लिए मूर्ति होना जरूरी नहीं है। अब रामजन्मभूमि को लेकर जो आस्था है, वह सभी शर्तों को पूरा करती है। उन्होंने मुस्लिम पक्ष की दलील को पढ़ा और कहा कि उनके (मुस्लिम पक्ष) पास कोई सबूत नहीं है कि उनके पास कब्जा है या कब्जा चला आ रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर कोई स्थान देवता है, तो फिर उसके लिए आस्था मान्य होनी चाहिए। इस पर जस्टिस अशोक भूषण ने चित्रकूट में कामदगिरी परिक्रमा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लोगों की आस्था और विश्वास है कि वनवास जाते समय भगवान राम, लक्ष्मण और सीता ठहरे थे।
बता दें कि, मध्यस्थता प्रयास विफल हो जाने के बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में 5 सदस्यों की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस डी वीई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस ए नजीर की टीम हफ्ते में 5 दिन की सुनवाई की जा रही है। सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से 5 दिन सुनवाई का विरोध किया गया था, मगर अदालत ने इस विरोध को स्वीकार नहीं किया।