मध्य प्रदेश के पेंच नेशनल पार्क की ‘सुपर मॉम’ का निधन हो गया। ‘कॉलरवाली बाघिन’ और ‘माताराम’ के नाम से मशहूर इस बाघिन ने सबसे ज्यादा 29 शावकों को जन्म दिया था, जो एक रिकॉर्ड है। लगभग 16 साल की बाघिन तीन-चार दिनों से बीमार चल रही थी और शनिवार (15 जनवरी 2022) को उसने पेंच नेशनल पार्क के जंगल में आखिरी साँस ली। नेशनल पार्क के अधिकारियों की मौजूदगी में बाघिन का हिंदू रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
29 शावकों को जन्म देने का कीर्तिमान स्थापित कर ‘सुपर टाइग्रेस मॉम’ कहलाने वाली बाघिन ‘T-15’ की मृत्यु को वन मंत्री श्री @KrVijayShah ने वन विभाग और वन्य प्राणी प्रेमियों के लिए अपूर्णीय क्षति बताया है। #JansamparkMP #tigerstatemp@PenchMP @ntca_india pic.twitter.com/UerNDqUvOy
— Department of Forest, MP (@minforestmp) January 16, 2022
29 शावकों को दे चुकी है जन्म
मध्य प्रदेश को टाइगर्स स्टेट का दर्जा दिलाने में 29 शावकों को जन्म देने वाली कॉलरवाली बाघिन की भूमिका अहम थी। कॉलरवाली बाघिन का जन्म सितम्बर 2005 में हुआ था। इस बाघिन को ‘पेंच की रानी’ व ‘सुपर मॉम’ के नाम से भी जाना जाता था। ‘कॉलरवाली’ बाघिन ने मई 2008 से दिसंबर 2018 के मध्य कुल आठ बार में 29 शावकों को जन्म दिया और पेंच में बाघों का कुनबा बढ़ाने में अपना अविस्मरणीय योगदान दिया। 29 शावकों में से 25 शावकों को जन्म पश्चात एक बाघिन द्वारा जीवित रख पाना भी अपने आप में अभूतपूर्व कीर्तिमान है। साल 2011 में इस बाघिन ने एक साथ पाँच बच्चों को जन्म दिया था, जो अपने आप में दुर्लभ है।
वन्यजीव प्रेमियों में शोक की लहर
बाघिन की मौत के बाद से वन्यजीव प्रेमियों में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर लोग अपनी चहेती बाघिन के लिए शोक संदेश लिख रहे हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने ट्वीट कर दुख जताया।
मप्र को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली, मध्यप्रदेश की शान व 29 शावकों की माता @PenchMP की ‘सुपर टाइग्रेस मॉम’ कॉलरवाली बाघिन को श्रद्धांजलि।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 16, 2022
पेंच टाइगर रिजर्व की ‘रानी’ के शावकों की दहाड़ से मध्यप्रदेश के जंगल सदैव गुंजायमान रहेंगे। pic.twitter.com/nbeixTnnWv
शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, “मप्र को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली, मध्य प्रदेश की शान व 29 शावकों की माता पेंच टाइगर रिजर्व की ‘सुपर टाइग्रेस मॉम’ कॉलरवाली बाघिन को श्रद्धांजलि। पेंच टाइगर रिजर्व की ‘रानी’ के शावकों की दहाड़ से मध्य प्रदेश के जंगल सदैव गुँजायमान रहेंगे।”
Why she was famous !! She gave birth to 29 cubs, a record. Her bloodline helped in maintaining healthy population of tigers in this landscape. From where many must have migrated outside. Left her species in good status. PC MP Forest department. pic.twitter.com/fCGsVrTLom
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) January 17, 2022
आईएफएस परवीन कासवान ने अपने ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, “पेंच की कॉलरवाली बाघिन का अंतिम संस्कार किया गया। आपको भारत के अलावा ऐसा कहाँ देखने को मिलेगा।”
We are still the country that does funerals for tigers. (And crocodiles)
— Neha Sinha (@nehaa_sinha) January 16, 2022
A goodbye for Pench’s Collarwali. A beloved tigress who gave birth to generations of cubs.
A tigress spends her life looking after cubs, but dies alone.
Pictures Monu Dubey pic.twitter.com/NX4VFlXrCy
एक यूजर ने ‘सुपर मॉम’ के निधन पर लिखा, “हम आज भी ऐसे भारत में रहते हैं, जहाँ बाघों का अंतिम संस्कार किया जाता है। पेंच की कॉलरवाली को अलविदा। ऐसी बाघिन जिसने शावकों की पुश्तों को जन्म दिया। एक ऐसी बाघिन जिसने जीवन पर्यंत शावकों का ध्यान रखा, लेकिन मृत्यु के समय अकेली रही।”
यह हिंदू संस्कृति में ही संभव है।
— Shiwanand Dwivedi (@shiwadwivedi) January 16, 2022
🥲🙏 pic.twitter.com/OoPNVtbEip
शिवानंद द्विवेदी ने ट्विटर पर लिखा, “यह हिंदू संस्कृति में ही संभव है।”
लोगों ने दी विदाई
— Abhijeet Manav (@AbhijeetZate1) January 17, 2022
‘मैं चाहता हूँ कि हमारे संस्कार हमारे बच्चे भी देखें’
This is the India I grew in. This is the India I want my daughter to see..!! #collarwali #indiantigress 🙏🙏
— Archit Das (@ArchitDas) January 17, 2022
लोगों ने कॉलरवाली बाघिन का शुक्रिया भी किया
Rest in peace tigress. 🥺 Thnx for your contribution to mankind and environment.
— SUMESHWAR SONU (@KRjivana24) January 17, 2022
RIP, Queen of Pench. You lived long and majestically. You ruled the food chain and because of you an entire forest was alive. #collarwali
— Aditi Garg (@AditiGargIAS) January 16, 2022
‘Tiger Tiger, burning bright,
In the forests of the night;
What immortal hand or eye,
Could frame thy fearful symmetry?’~ William Blake pic.twitter.com/K3gsF0eWef
कैसे पड़ा कॉलरवाली नाम?
दरअसल पेंच नेशनल पार्क में इस बाघिन के गले में सबसे पहले रेडियो कॉलर लगाया गया था, ताकि उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। इसके बाद से ही बाघिन को कॉलरवाली के नाम से जाना जाने लगा था। जनवरी 2019 में बाघिन की एक तस्वीर भी वायरल हुई थी, जिसमें वह अपने शावकों को मुँह में दबाकर ले जाती हुई दिखी थी। उसकी माँ को टी-7 बाघिन (बड़ी मादा) और पिता को चार्जर के नाम से जाना जाता था।