राजधानी दिल्ली में आपका मोबाइल फोन खो जाए तो उसके मिलने की उम्मीद सबसे कम है। दिल्ली में 1% से भी कम फोन वापस उनके यूजर्स को मिलते हैं। दिल्ली के अलावा मिजोरम, ओडिशा पंजाब और त्रिपुरा जैसे राज्यों में भी फोन खोने पर वापस मिलने की काफी कम संभावना काफी होती है।
यह आँकड़ा भारत सरकार के संचार सारथी पोर्टल से आया है। संचार सारथी पोर्टल के अनुसार, दिल्ली में खोए हुए 5.45 लाख फोन में से मात्र 4,893 फोन ही बरामद हुए। यानी दिल्ली में खोए हुए फोन में से केवल 0.90% फोन ही बरामद हुए। दिल्ली वह, राज्य भी है जहाँ देश में सबसे अधिक मोबाइल गायब होते हैं। दिल्ली के अलावा मिज़ोरम में फोन वापस मिलने की दर 1.75, ओडिशा में 4.91 और पंजाब में फोन वापस मिलने की दर मात्र 5.02% है।
दिल्ली के बाद कर्नाटक में सबसे अधिक मोबाइल गायब होते हैं। हालाँकि, कर्नाटक में मोबाइल के वापस मिलने की दर थोड़ी अच्छी है। कर्नाटक में 2.35 लाख खोए हुए मोबाइल में से 38,067 मोबाइल वापस मिल सके। मोबाइल खोने के मामले में देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश पाँचवे नम्बर पर है, जहाँ 62,178 मोबाइल चोरी होने की घटनाएँ हुईं।
पंजाब में 41,176 खोए हुए मोबाइल फोन में से मात्र 2066 फोन बरामद हुए जबकि उत्तर प्रदेश में यह आँकड़ा 62,178 में से 5871 का रहा। इसी तरह तमिलनाडु में 35,539 में से मात्र 3490 मोबाइल फोन ही बरामद हो सके।
कैसे बरामद करें खोया फोन
यदि आपका मोबाइल फोन खो गया है, तो इसे IMEI नंबर और केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय की CEIR योजना के तहत पता लगाया जा सकता है और बाद में वापस किया जा सकता है। गौरतलब है कि हर मोबाइल फोन फिंगरप्रिंट की तरह एक IMEI नंबर होता है। फोन में भले ही सिम कार्ड बदल दिया गया हो, फिर भी IMEI के जरिए उसका पता लगाया जा सकता है। आप पुलिस स्टेशन में FIR कराने के बाद पोर्टल sancharsathi.gov.in के माध्यम से IMEI नंबर को ब्लॉक करने का अनुरोध कर सकते हैं।
एक बार यह पूरा हो जाने के बाद, सिम कार्ड के बावजूद फोन का उपयोग किसी भी नेटवर्क पर नहीं किया जा सकता है। पुलिस नेटवर्क को शामिल करके और लोकेशन ट्रैक करके आपके फोन को ट्रैक कर सकती है। CEIR इसी में काम आता है।
दिलचस्प बात ये है कि भारत के बाजार में मिलने वाले सस्ते और बिना ब्रांड वाले चीनी फोन में 16 अंकों वाले IMEI नंबर नहीं होते, जिससे ऐसे मोबाइल फोन को ट्रैक करना और वापस पाना असंभव हो जाता है। यह बात साफ़ नहीं है कि है कि क्या दिल्ली में खोए और चोरी हुए फोन की खराब रिकवरी दर दिल्ली के निवासियों द्वारा ऐसे चीनी फोन के बड़े पैमाने पर उपयोग के कारण है।