मानवाधिकार के नाम पर कश्मीर मामले में ग्लोबल कैंपेन शुरू करने का आह्वान करने वाली ब्रिटेन आधारित एनजीओ एमनेस्टी इंटरनेशनल को प्रवर्तन निदेशालय ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल को यह नोटिस विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत जाँच पूरी होने के बाद जारी किया गया है
जानकारी के मुताबिक एमनेस्टी पर विदेशी मुद्रा कानून (फेमा) के तहत 51.72 करोड़ रुपए के लेन-देन में नियमों के उल्लंघन करने का आरोप है।
The #EnforcementDirectorate has issued a show-cause notice to global human rights #Amnesty International’s India chapter over an alleged violation of foreign exchange rules, following its probe, officials said on September 5. pic.twitter.com/9AGVGFYt7Y
— IANS Tweets (@ians_india) September 6, 2019
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अधिकारियों का कहना है कि फेमा के न्याय निर्णय प्राधिकरण (विशेष निदेशक स्तर का अधिकारी) द्वारा पिछले महीने यह नोटिस जारी किया गया। यह नोटिस देश में नागरिक व सामाजिक गतिविधियों के लिए 51.72 करोड़ रुपए की उधारी और ऋण से संबंधित है। इसमें एनमेस्टी पर आरोप है कि उसने अपने मूल निकाय एमनेस्टी इंटरनेशनल (ब्रिटेन) से सेवा निर्यात के नाम पर यह राशि हासिल की।
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से यह संगठन जाँच एजेंसियों की रडार पर रहा है। जिसके चलते पिछले साल अक्टूबर महीने में ईडी ने विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के उल्लंघन के आरोपों में संगठन के बंगलुरु कार्यालय में भी छापेमारी की थी। और अब इसी मामले में विशेष निदेशक द्वारा मेसर्स एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल की करतूतों का काला चिट्ठा जानने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं-
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2.मानवाधिकार की आड़ में कश्मीर पर आवाज उठाने वाले Amnesty के काले करतूतों का कच्चा चिट्ठा