जानकारी के मुताबिक शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा भेजे गए नोटिस में गए कहा गया कि जरनैल सिंह भिंडरावाला और सिख समुदाय के किसी अन्य व्यक्ति ने कभी भी खालिस्तान की माँग नहीं की। फिल्म में ऐसे सीन दिखाए गए हैं जिनमें सिख पोशाक में कुछ किरदारों को असॉल्ट राइफल में से लोगों पर गोली चलाते दिखाया गया है।
एसजीपीसी के कानूनी सलाहकार एडवोकेट अमबीर सिंह सियाली द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया कि कहीं कोई ऐसा सबूत या रिकॉर्ड नहीं है जो साबित करे कि भिंडरावाले ने ऐसे शब्द कहे। नोटिस में फिल्म निर्माताओं से ये भी कहा गया है कि वो सिख विरोधी भावना वाले दृश्यों को फिल्म से हटाएँ और सिख समुदाय से माफी माँगें।
इमरजेंसी फिल्म के रिलीज से पहले एसजीपीसी के नोटिस के अलावा कोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है। ये याटिका पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दायर हुई है वो भी इस माँग के साथ कि इमरजेंसी फिल्म को बैन किया जाना चाहिए।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस याचिका को दो अमृतधारी सिखों ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि इस फिल्म में ऐतिहासिक पहलुओं से छेड़छाड़ हुई है। ये सिख समुदाय और हिंदू समुदाय के लोगों के बीच घृणा फैलाएगी। इसके अलावा इस याचिका में कहा गया कि फिल्म में सिख समुदाय को गलत तरीके से दिखाया गया है, इसलिए न सिर्फ इस फिल्म के रिलीज पर रोक लगाई जाए बल्कि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को पास कर जो सर्टिफिकेट जारी किया है उसे भी रद्द किया जाए।
याचिका में उसी सीन पर आपत्ति जताई गई है जिसमें कुछ लोग सिख पोशाक में फायरिंग करते दिख रहे हैं। कोर्ट में इस याचिका की पैरवी अमृतधारी सिखों की ओर से ईमान सिंह खारा और दीपेंद्र सिंह वर्क करेंगे।
बता दें कि इमरजेंसी फिल्म की फिलहाल रिलीज डेट 6 सितंबर 2024 निर्धारित हुई है। लेकिन, इसका ट्रेलर आने के बाद से ही इस फिल्म को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस बीच कंगना रनौत को जान से मारने की धमकियाँ भी मिल रही हैं। दो दिन रहले विक्की थॉमस सिंह (एक ईसाई से निहंग) बने व्यक्ति ने वीडियो जारी कर कहा था कि अगर खालिस्तानी नायक जरनैल सिंह भिंडरावाले को आतंकवादी के रूप में दर्शाया गया तो याद रखें कि इंदिरा गाँधी के साथ क्या हुआ था? सतवंत सिंह और बेअंत सिंह कौन थे?