किसान आंदोलन के नाम पर अब प्रदर्शकारियों का समर्थन करने वाले लोग कानून को हाथ में लेकर पुलिस प्रशासन को चुनौती देते नजर आने लगे हैं। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा जारी की गई हालिया वीडियो में हम देख सकते हैं कि ट्रैक्टर की मदद से कथित किसान समर्थक पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ने पर आमादा हैं। उन्हें ये भी डर नहीं है कि इस हरकत से कोई घायल हो सकता है।
एजेंसी के मुताबिक, उत्तराखंड जिले के उधम सिंह नगर के बाजपुर से यह वीडियो आई है। वीडियो में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेड पर ट्रैक्टर चढ़ा रहे हैं।
इस वीडियो में कई पुलिसकर्मी बैरिकेडिंग के पीछे नजर आ रहे हैं, लेकिन ट्रैक्टर चलाने वाला लगातार उसे आगे बढ़ा रहा है। अंत में पुलिस को जान बचाते हुए ट्रैक्टर के सामने से हटना पड़ता है और प्रदर्शनकारी बैरीकेड के ऊपर वाहन चढ़ा कर आगे निकल जाते हैं।
#WATCH | Protesters agitating against the new farm laws run a tractor over a police barricade in Bajpur, of the Udham Singh Nagar district in Uttarakhand pic.twitter.com/aI97qNcg0U
— ANI (@ANI) December 25, 2020
इस वीडियो को देखने के बाद लोग अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कोई इसे किसान आंदोलन के मजबूत होने से जोड़ रहा है तो कोई ऐसी हरकत को शर्मनाक बता रहा है। वीडियो को देख लोग पूछ रहे हैं कि क्या ऐसे किसानों को पकड़ा नहीं जाना चाहिए। ये लोग ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को मारने का प्रयास कर रहे हैं?
Shouldn’t this tractor driver be booked for attempt to murder officials on duty?
— Ravi (@Ravi101014) December 25, 2020
यूजर्स को पूछना है कि यदि कोई पुलिसकर्मी ऐसे प्रयासों के दौरान चोटिल हो जाए तो जिम्मेदार किसे माना जाएगा? क्या इस तरह कोई प्रदर्शन हो रहा है? भारत में पुलिस की जान की कोई कीमत नहीं है क्या?
उल्लेखनीय है कि इससे पहले दिल्ली में प्रदर्शनस्थल से एक वीडियो सामने आई थी। इस वीडियो में किसान नेता राकेश टिकैत अन्य प्रदर्शनकारियों के सामने मंदिरों और पंडितों का मखौल उड़ा रहे थे। उनका कहना था कि मंदिर वालों को रोज पूजा जा रहा है, लेकिन वो लोग एक भी दिन भंडारा लगाते नहीं नजर आए। ये लोग कहाँ हैं? इनसे भी हिसाब-किताब ले लो। इनका अता-पता ले लो। हमारी माँ-बहनें इन्हें जा-जा कर दूध दे रही हैं। ये लोग बदले में एक कप चाय भी नहीं पिला रहे हैं। इन सब लोगों को भी पता चलेगा।
मंदिर वाले सब कहाँ चले गए? एक भी भंडारा नहीं? ज़रा सिख समुदाय से ही सीख लो। … जो बोले सो निहाल … pic.twitter.com/XAVxmTWn35
— Om Thanvi (@omthanvi) December 25, 2020