केंद्र की मोदी सरकार ने एक ऐसा सफाई अभियान शुरू किया था जिसकी चर्चा कम हुई। यह अभियान इस साल गाँधी जयंती पर 2 अक्टूबर को शुरू किया गया था। यह अभियान 31 अक्टूबर को समाप्त हुआ। इस दौरान सरकारी कार्यालयों में 13.73 लाख से ज्यादा फाइलें क्लियर की गईं। दफ्तरों के रद्दी और कबाड़ को बेचकर 40 करोड़ रुपए भी आए।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इससे केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों से कुल आठ लाख वर्ग फुट से अधिक जगह को खाली किया गया। इसे इस तरह समझें कि इतने एरिया में राष्ट्रपति भवन जैसी चार इमारतें आ जातीं।
Led by PM Sh @NarendraModi, continuing the journey of #GoodGovernance…in pursuit of the “best”! #SwachhataCampaign pic.twitter.com/Wb2M7yY1BC
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) November 1, 2021
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि डीएआरपीजी (प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग) के नोडल विभाग के तहत केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों में पुरानी फाइलों के निस्तारण के लिए अभियान की शुरुआत की गई थी। यह अभियान 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चला।
#TimesofIndia: Cleanliness campaign: Government earns Rs 40 crore through scrap disposal, clears 8 lakh square feet space.#DoPT #DARPGhttps://t.co/jxbsUxiVYA
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) November 2, 2021
डीएआरपीजी के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक विशेष समीक्षा बैठक में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 15,23,464 फाइलों में से 13,73,204 से अधिक फाइल क्लियर की गईं। इसी तरह, 3,28,234 लोक शिकायतों में से 2,91,692 शिकायतों का निवारण महज 30 दिनों के भीतर किया गया। सांसदों के 11,057 संदर्भों में से 8,282 का समाधान किया गया। इसके अलावा 834 चिन्हित नियमों और प्रक्रियाओं में से 685 को सरल बनाया गया। इस अभियान में पुरानी फाइलों को हटाकर केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों से आठ लाख वर्ग फुट से अधिक स्थान को खाली किया गया। इतने एरिया में राष्ट्रपति भवन जैसी चार इमारतें आ जातीं। राष्ट्रपति भवन का फ्लोर एरिया 2 लाख वर्ग फीट है।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सरकार ने लंबित मामलों के निस्तारण पर विशेष अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि इस विशेष अभियान का उद्देश्य सभी कार्यालयों में जन शिकायतों, संसद सदस्यों, राज्य सरकारों के संदर्भ, अंतर-मंत्रालयी परामर्श और संसदीय आश्वासनों का समय पर और प्रभावी निपटान सुनिश्चित करना था।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस अभियान के दौरान पुरानी फाइलों की पहचान की गई और उन्हें हटाया गया। देश में जन आंदोलन बन चुके PM मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर डॉ. जितेंद्र सिंह ने भविष्य में इस प्रथा जारी रखने की बात कही है ताकि कार्य स्थलों को स्वच्छ, शुद्ध और अव्यवस्था मुक्त बनाया जा सके।
उन्होंने डीएपीजी को निर्देश दिया कि वह विभिन्न श्रेणियों के लंबित मामलों में कमी लाने के संबंध में भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों का तुलनात्मक विश्लेषण करे और प्रतिस्पर्धात्म भावना को बढ़ावा देने के लिए सभी के साथ साझा की जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं का भी पालन करे। मंत्री ने इस बात को दोहराया कि इस अभियान की शुरुआत करने वाले उद्देश्य के पूरा होने के बाद भी यह चलते रहना चाहिए, क्योंकि लंबित मामलों में कमी लाना एक निरंतर प्रक्रिया है।