सुप्रीम कोर्ट में टिकटॉक की ओर से पैरवी करने के मामले में भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल व वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट में टिकटॉक के वकील बनकर पेश नहीं होंगे, क्योंकि वह नहीं चाहते कि भारत सरकार के ख़िलाफ़ वो किसी चीनी कंपनी का प्रतिनिधि बनें।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार द्वारा चीनी कंपनियों के ख़िलाफ सख्त रुख अख्तियार करने के बाद टिकटॉक ने भारत सरकार के फैसले को चुनौती दी है। इसी के मद्देनजर वरिष्ठ वकील का यह बयान आया।
Mukul Rohatgi, former Attorney General of India, refuses to appear for Tik Tok, says he won’t appear for the Chinese app against the Government of India. (file pic) pic.twitter.com/Pds2ZuUDii
— ANI (@ANI) July 1, 2020
यहाँ बता दें कि टिकटॉक समेत कुल 59 ऐप बैन होने के बाद भारत में स्थित टिकटॉक के हेड निखिल गाँधी ने एक बयान जारी किया था। बयान में दावा किया गया था कि वह अपने यूजर्स का डेटा किसी भी विदेशी सरकार के साथ साझा नहीं करते। चाहे फिर वो चीन सरकार ही क्यों न हो।
मगर, बावजूद इस दावे के, भारत सरकार ने टिकटॉक की सर्विस को देश में दोबारा रेज्यूम नहीं किया। इसीलिए इस कंपनी ने अपना मसला सुप्रीम कोर्ट में उठाया। लेकिन देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल ने चीन ऐप की पैरवी करने से इंकार कर दिया।
गौरतलब है कि गूगल प्ले स्टोर पर अब चायनीज मोबाइल ऐप TikTok पूरी तरह से बंद हो गई है। यानी, अब भारत में ना ही टिकटॉक को यूजर्स अब डाउनलोड कर सकते हैं और ना ही इसे इस्तेमाल कर सकते हैं। भारत सरकार द्वारा 59 चायनीज ऐप प्रतिबंधित करने के बाद भी यह ऐप मोबाईल में काम कर रही थी लेकिन अब इस पर वीडियो स्ट्रीमिंग बंद हो चुकी है।
याद दिला दें कि भारत सरकार के इस कड़े फैसले से कुछ दिन पहले ही भारतीय खुफिया एजेंसियों ने सरकार को 52 एप्स को लेकर अलर्ट जारी किया था और देश के नागरिकों को भी इन एप्स को इस्तेमाल करने से मना किया था। खुफिया एजेंसियों के इस अलर्ट के बाद सरकार ने इन 52 एप्स समेत 59 एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने इन चाइनीज एप्स को राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।