विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के वुहान में पहले कोरोना वायरस मामले के बाद से ही दुनिया भर में कम से कम चार नए प्रकार के कोरोनोवायरस का पता चला है। चीन के वुहान में नवंबर 2019 में संक्रमण की शुरुआत हुई थी। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी को ऐसे कई संक्रमण के असामान्य मामले मिले हैं, जो संभवतः SARS-CoV-2 के वेरिएंट के कारण हैं।
WHO ने कहा कि SARS-CoV-2 का एक वेरिएंट D614G के सब्स्टीट्यूशन के साथ जीन स्पाइक प्रोटीन में मिला, जो जनवरी के अंत या फरवरी 2020 की शुरुआत में उभरा। कई महीनों बाद D614G ने अपने आप को SARS-CoV-2 में पूरी तरह से परिवर्तित कर लिया, जिसकी पहचान चीन में हुई।
डब्ल्यूएचओ ने बताया कि जून 2020 में वायरस में यह परिवर्तन वैश्विक रूप से प्रसारित हो गया, जोकि कोरोना वायरस महामारी का अधिक प्रभावी रूप बन कर उभरा।
कई अध्ययनों से इस बात का पता चला है कि D614G सब्स्टीट्यूशन के साथ दूसरा स्ट्रेन पहले स्ट्रेन की तुलना में कहीं ज्यादा संक्रमित और एक दूसरे में ट्रांसफर हो सकेगा। हालाँकि यह “अधिक गंभीर बीमारी का कारण नहीं बनता या मौजूदा निदान, चिकित्सा, टीके, या सार्वजनिक स्वास्थ्य निवारक उपायों की प्रभावशीलता में परिवर्तित नहीं होगा।”
बता दें कि हाल ही में कोरोना वायरस के दूसरे प्रकार की खबर आने से पहले इसके एक और वैरिएंट के बारे में अगस्त और सितंबर 2020 में रिपोर्ट किया गया था जोकि खेत में रहने वाले एक प्रकार के ऊदबिलाव के बालों के संक्रमण से जुड़ा हुआ था, जो बाद में मनुष्यों में फैल गया। ताजा कोरोनावायरस वैरिएंट डेनमार्क के नॉर्थ जुटलैंड से फैला है, जिसकी पहचान “क्लस्टर 5” के रूप में हुई थी। सितंबर 2020 में केवल 12 मामले इसके देखे गए थे।
ब्रिटेन सरकार ने 14 दिसंबर, 2020 को एक वैरिएंट के बारे में सूचना दी थी। जिसका नाम SARS-CoV-2 VOC 202012/01 दिया गया। यह वैरिएंट SARS-CoV-2 बायोलॉइकॉली पहले वायरस से संबंधित नहीं था, जो उस समय यूके में मौजूद था। यह स्पष्ट नहीं है कि SARS-CoV-2 VOC 202012/01 की उत्पत्ति कैसे और कहाँ से हुई है।
वैक्सीन बनने से पहले ही धीरे-धीरे समय के साथ पूरे ब्रिटेन में कोरोनावायरस के अधिक मामलों का पता चला है। कोरोना वायरस के नए प्रकार VOC-202012/01 को 30 दिसंबर तक 31 अन्य देशों/क्षेत्रों/6 WHO क्षेत्रों में से पाँच में पाया गया है।
वहीं 18 दिसंबर को दक्षिण अफ्रीका ने SARS-CoV-2 के एक नए वैरिएंट के बारे में दुनिया को सूचित किया था जोकि वहाँ के तीन प्रांतों में तेजी से फैल रहा है। दक्षिण अफ्रीका ने इस वेरिएंट का नाम 501Y.V2 रखा है।
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका में जिस वैरिएंट के बारे में रिपोर्ट किया गया था, वह अब तक चार अन्य देशों में फैल चुका है।