गृह मंत्रालय ने बेंगलुरु स्थित गैर सरकारी संगठन इंफोसिस फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। एनजीओ इंफोसिस फाउंडेशन के खिलाफ विदेशी अनुदान प्राप्त करने में नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। दरअसल, विदेशों से सहायता लेने वाले सभी गैर-सरकारी संगठनों को विदेशी योगदान अधिनियम (एफसीआरए) के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक होता है। सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन हैं।
Home ministry cancels registration of Infosys Foundation https://t.co/ahWTAIBnxg via @TOIBusiness pic.twitter.com/WckRRKXVmR
— Times of India (@timesofindia) May 13, 2019
एफसीआरए के दिशा-निर्देशों के अनुसार, रजिस्टर्ड संगठनों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष के समाप्त होने के बाद 9 महीने के भीतर आय-व्यय विवरण, रसीदें और भुगतान खाता, बैलेंस शीट, आदि की स्कैन की गई प्रतियों के साथ ऑनलाइन वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है। मगर इंफोसिस ने पिछले कुछ सालों से विदेश से आने वाली अनुदान राशि के बारे में कोई भी जानकारी सरकार को नहीं दी। इस संबंध में संगठन से कई बार जानकारी माँगी गई, लेकिन इंफोसिस की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। जिसके बाद गृह मंत्रालय की तरफ से 2018 में फाउंडेशन को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। बार-बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी संगठन की तरफ से कोई जवाब ना आने के बाद ये फैसला लिया गया।
वहीं, इस बारे में इंफोसिस फाउंडेशन का कहना है कि संगठन ने खुद गृह मंत्रालय से एफसीआरए पंजीकरण को रद्द करवाने के लिए ओवदन किया था। जिसके बाद गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई की। वर्ष 1996 से शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सेवा, कला और संस्कृति आदि क्षेत्रों में काम कर रहे फाउंडेशन के जन संपर्क अधिकारी ऋषि बसु ने कहा कि 2016 में एफसीआरए में किए गए संशोधन के बाद उनका संगठन इस अधिनियम के दायरे में नहीं आता। ऋषि बसु ने कहा कि उन्होंने मंत्रालय से संपर्क कर इस पर विचार करने के लिए कहा था और उनका अनुरोध स्वीकार करने के लिए वो मंत्रालय को धन्यवाद देते हैं।