मायावती के मुख्यमंत्रित्व काल में महत्वपूर्ण पदों पर रहे उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी नेतराम के परिसरों पर आयकर विभाग ने छापा मारा। इस छापे में करोड़ों रुपए की संपत्ति, 1.64 करोड़ रुपए नकद और 300 करोड़ रुपए से भी अधिक की बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए गए। ये छापे उत्तर प्रदेश कैडर के 1979 बैच के पूर्व आईएएस अधिकारी से जुड़े लखनऊ, दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में स्थित दर्जन भर ठिकानों पर मारे गए। छापे में 50 लाख रुपए के मॉन्ट ब्लांक पेन, 2.2 करोड़ रुपए नकद, मर्सडीज समेत चार लग्जरी गाड़ियाँ भी जब्त की गई। अधिकारियों ने बुधवार (मार्च 13, 2019) को यह जानकारी दी।
अब अफ़सर भी तो मायावती का ख़ास था…50 लाख के पेन से ही लिखेगा ना..या हमारी आपकी तरह Reynolds यूज़ करेगा ? ?#NetRam #ITRaids
— Samir Abbas (@TheSamirAbbas) March 13, 2019
विभाग को इस बात की पक्की जानकारी मिली थी कि पूर्व शीर्ष नौकरशाह और उनके सहयोगियों ने नोटबंदी के बाद और उससे पहले कोलकाता की शेल कंपनियों के नाम पर 95 करोड़ रुपए की फर्जी प्रविष्टियाँ दिखाई है। अधिकारियों के अनुसार, तलाशी में विभाग ने लखनऊ और दिल्ली के तीन घरों से 1.64 करोड़ रुपए की नकदी बरामद की। अधिकारियों को यह भी पता चला है कि 50 लाख रुपए एक बैंक लॉकर में रखे हैं, जिसे जल्द खोला जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि नकदी में दो-दो हजार रुपये के नए नोटों की गड्डियाँ बरामद की गईं। पूर्व मुख्य सचिव नेतराम बसपा से लोकसभा चुनाव की टिकट पाने की बातचीत में लगे थे और इसी दौरान वह आयकर विभाग की जाँच के दायरे में आए।
नेतराम बसपा शासनकाल में राज्य के मुख्य सचिव थे। आयकर विभाग ने उनके बैंक खातों को भी जाँच के घेरे में ले लिया है। विपुलखंड स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नेतराम और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर जो भी खाते थे, उन्हें सीज कर दिया गया है। छापेमारी के दौरान स्टेशन रोड स्थित उनके घर से कई क़ीमती चीजें बरामद की गई हैं। उन पर टैक्स चोरी के मामले में कार्रवाई की जा सकती है। यूपी में मायावती की सरकार के दौरान आईएएस नेतराम सबसे ताक़तवर अधिकारियों में से एक थे। वह 2007 से 2012 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के प्रमुख सचिव भी रहे हैं।
ख़बरों के अनुसार, इनकम टैक्स की 12 सदस्यीय टीम के साथ गोमतीनगर के विशाल खंड स्थित नेतराम के आलीशान बंगले के भीतर अभी भी सुरक्षाकर्मियों की बड़ी टीम अभी भी मौजूद है। टीम कोलकाता में एक कंपनी को लाभ दिए जाने को लेकर पूछताछ की जा रही है। छापेमारी में करीब 87 करोड़ कैश बरामद हुआ। जांच टीम ने नेतराम सहित पूरे परिवार को घर से निकलने की इजाजत नहीं दी। सभी के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं। बंगले के अगले व पिछले हिस्से को लॉक कर दिया गया।
मायावती के शासनकाल के दौरान उनका प्रभाव ऐसा था कि बड़े-बड़े नेताओं को भी उनसे मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लेना पड़ता था। उनके आवास पर नेताओं की लम्बी लाइन लगी रहती थी। कैबिनेट मंत्रियों तक को उनसे मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लेना पड़ता था। क़यास लगाए जा रहे हैं कि आयकर विभाग के अलावा अन्य केंद्रीय एजेंसियाँ भी उन पर शिकंका कस सकती है। 1979 बैच के अधिकारी नेतराम कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी काबिज़ रहे हैं।