सैन्य शक्ति और सामर्थ्य के मामले में भारत अब एशिया में चौथा सबसे ताकतवर देश बन गया है। यह रैंकिंग लोवी इंस्टीट्यूट एशिया पावर इंडेक्स 2021 (lowy institute asia power index 2021) में जारी की गई। ऑस्ट्रेलिया स्थित सिडनी के लोवी इंस्टीट्यूट द्वारा जारी की गई 26 देशों की लिस्ट में पहले स्थान पर अमेरिका है।
रैंकिंग के मुताबिक, इस लिस्ट में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर चीन और उसके बाद जापान है। चौथे स्थान पर भारत है, जबकि रूस को पाँचवे स्थान पर रखा गया है। यह स्पष्ट कर दें कि लोवी इंस्टीट्यूट रैंकिंग का निर्धारण संसाधनों और प्रभाव (8 पैरामीटर होते हैं रैंकिंग के लिए) के आधार पर करता है।
लोवी इंस्टीट्यूट एशिया पावर इंडेक्स 2021 में हालाँकि भारत ने अपने नकारात्मक पावर गैप स्कोर के कारण अपेक्षा से कम प्रभाव डाला है। इस रैंकिंग में अगर भारत के समग्र स्कोर को देखें तो यह 2020 की तुलना में दो प्वाइंट नीचे गिरा है। कोरोना को देखते हुए और दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन प्रोग्राम को सफलतापूर्वक चलाते हुए हालाँकि इस उपलब्धि को कमतर आँकने की भूल न करें। क्योंकि इसी रैंकिंग में चीन कई सारे पैरामीटर पर अमेरिका से मात खाते हुए पिछड़ गया है।
भारत ने भविष्य के संसाधनों के मामले में अच्छा प्रदर्शन किया है। लोवी इंस्टीट्यूट की रैंकिंग के अनुसार कोरोना संकट के बावजूद भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया है। हालाँकि वर्ष 2030 के लिए आर्थिक पूर्वानुमान कम हो गया है। जबकि आर्थिक क्षमता, सैन्य क्षमता, सामर्थ्य और सांस्कृतिक प्रभाव के उपायों पर भारत ने चौथा स्थान हासिल किया है।
भारत ने आर्थिक क्षमता, सैन्य क्षमता, सामर्थ्य और सांस्कृतिक प्रभाव जैसे पैरामीटर पर चौथा स्थान बरकरार रखा है। पाकिस्तान की बात करें तो इस रैंकिंग में वो 15वें स्थान पर है। बांग्लादेश 19वें और श्रीलंका 20वें स्थान पर है। दिलचस्प यह है कि चीन के भरोसे बैठे इन सभी देशों की रैंकिंग फिसड्डी रही है।