अंतर्राष्ट्रीय निवेश बैंकर मॉर्गन स्टेनली ने द्वारा भारत सिर्फ 10 सालों में भारत के मजबूत स्थिति में पहुँचने के बाद अब उसके प्रबंध निदेशक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को ‘इन्फ्लेशन हॉक’ (Inflation Hawk) बताया है। इसका मतलब हुआ है कि पीएम ऐसे नीति निर्माता हैं, जो महंगाई पसंद नहीं करते। वे महंगाई को काबू में रखने के लिए ब्याज दरों को बढ़ाने से लेकर हर तरह के उपाय करने से कतराते नहीं हैं।
मॉर्गन स्टेनली इंडिया के प्रबंध निदेशक रिधम देसाई ने कहा कि समृद्धि को बढ़ाने के लिए महंगाई पर काबू पाना जरूरी है। उन्होंने मैक्रो (Macro) स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भारत की प्रशंसा की, खासकर जब अमेरिका जैसे देश महामारी के दौरान महंगाई से निपटने की चुनौती का सामना कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी दे दौरान जब पश्चिमी देश नकदी जारी कर रहे थे, तब भारत गरीबों को भोजन दे रहा था।
Must watch interview of Ridham Desai, MD of Morgan Stanley with @maryashakil. Says
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) June 1, 2023
– Modi is inflation Hawk, kept inflation low even during pandemic and war
– Giving food during pandemic, not cash was great decision
– Use of Aadhaar is helping India
– Free Revdi is bad for… pic.twitter.com/veyaWltRrf
उन्होंने कहा कि भारत ने ऐसी चुनौतियों से निपटने की नींव जनधन जैसे खाते खोलकर ही कर दी थी। इसके डिटिजल बैंकिंग को बढ़ावा, आधार के साथ बैंकों का जोड़ और फिर सरकारी स्कीमों का सीधा खाते में हस्तांतरण जैसे महत्वपूर्ण काम हुए। इससे बिचौलिए वाला भ्रष्टाचार खत्म हो गया। इस तरह RBI का प्रयास, लोक कल्याणकारी योजनाएँ और कॉरपोरेशन को लेकर सरकार की माइक्रो पॉलिसी में सुधार ने भारत को आर्थिक मोर्चे पर सशक्त बनाया।
न्यूज 18 से बात करते हुए रिधम देसाई ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में ‘खंडित’ जनादेश मिलता है तो इसका असर देश की प्रगति पर होगा। उन्होंने कहा, जब छोटे दलों के साथ गठबंधन सरकार बनाई जाती है तो अर्थव्यवस्था की तुलना में राजनीति के प्रबंधन पर बहुत अधिक ध्यान दिया जाता है। इसलिए, देश को बहुमत वाली सरकार की जरूरत है, जो सिर्फ राजनीति के बजाय अर्थव्यवस्था पर ध्यान दे।
रिधम देसाई ने कहा कि जब बहुमत की सरकार होती है तो सरकार को जीवित रखने के लिए काम करने के बजाय देश के महत्वपूर्ण मामलों पर ध्यान दिया जाता है। इसलिए बहुमत का फैसले का महत्व है। अतीत में भारत ने कुछ अल्पमत सरकारें दी हैं और उन वर्षों में भारत के अच्छे आर्थिक परिणाम नहीं रहे हैं। लोकतंत्र होने के नाते हर पाँच साल में ये स्थिति आएगी। यह एक जोखिम है, जिसे हमें ध्यान में रखना है।
रूस-यूक्रेन युद्ध की असर को लेकर देसाई ने कहा कि भारत को घरेलू अर्थव्यवस्था पर अधिक भरोसा करना होगा, जैसा कि पीएम ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ की बात कही है। हालाँकि, उन्होंने चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि भारत ने कच्चे तेल की स्थिति को अच्छी तरह से प्रबंधित किया है, लेकिन उसे भू-राजनीति के बारे में चिंतित होने की जरूरत है।
देसाई ने कहा कि भारत पिछले तीन दशकों में सबसे तेजी से विकास कर रहा है। दरअसल, मॉर्गन स्टेनली ने भारत को लेकर जारी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में भारत की अर्थव्यवस्था की प्रगति की खूब तारीफ की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत द्वारा किए गए नीतिगत सुधारों के कारण 10 बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। इसके कारण माइक्रो (Micro) और मैक्रो (Macro) इकोनॉमी और बाजार पर साफ दिखाई दे रहा है। यह भारत साल 2013 के भारत की तुलना में अलग है। इसने विश्व व्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है।
मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, भारत में अभी प्रति व्यक्ति आय करीब 2200 अमेरिकी डॉलर (लगभग 1.82 लाख रुपए) है, जो साल 2032 तक बढ़कर 5200 अमेरिकी डॉलर (लगभग 4.30 लाख रुपए) हो जाएगी। बैंकर का कहना है कि इससे लोगों के काफी रकम आएगी और वे इसे खरीद सकेंगे। मॉर्गन स्टेनली ने यह भी कहा है कि दुनिया के पूँजी प्रवाह बाजार में भारत की निर्भरता कम हो गई है। इससे भी उसकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर नहीं पड़ा है।