केरल सरकार इन दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रही है। इसी वजह से वहाँ के सरकारी कर्मचारियों को सैलरी मिलने में देरी हो रही। पहले राज्य कर्मचारियों का वेतन 1 तारीख को आना था। देरी की वजह से अब यह 4 मार्च को आने की उम्मीद है। वेतन मिलने में हो रही इस देरी का कारण बैंकों में सरकारी ट्रेजरी से समय से पैसा न पहुँचना बताया जा रहा है। इस व्यवधान की वजह से समय से वेतन पाने की उम्मीद लगाए लगभग 3.5 लाख कर्मचारी प्रभावित हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केरल में चल रहे आर्थिक संकट के चलते कर्मचारी ट्रेजरी सेविंग्स बैंक (ईटीएसबी) का खाता फ्रीज हो चुका है। सरकारी खजाने को फिर से भरने के लिए फ़िलहाल प्रयास शुरू किए जा चुके हैं। कर्मचारियों को वेतन देने के अलावा अन्य जरूरी कामों को पूरा करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों से आने वाले भंडार और लाभांश को राज्य सरकार के खजाने में ट्रांसफर करने के निर्देश दिए गए हैं। इन अतिरिक्त प्रयासों के चलते ही राज्य कर्मचारियों के वेतन 4 मार्च को आने की उम्मीद है।
सैलरी में हो रही इस देरी की वजह से केरल के सरकारी कर्मचारियों में निराशा है। वो अपनी ही सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इन हालातों के बीच सचिवालय एक्शन काउंसिल ने भी रोष जताते हुए अपना बयान जारी किया है। काउंसिल ने इस देरी के लिए प्रदेश सरकार के गलत मैनेजमेंट को जिम्मेदार बताया है। केरल सरकार के खिलाफ ऐसी बयानबाजी कर्मचारियों के मन में बढ़ रहे असंतोष का प्रतीक मानी जा रही है।
फिलहाल इस पूरे मामले पर राज्य सरकार का ट्रेजरी और वित्त विभाग मौन साध कर बैठा है। वह इस समय के पीछे तकनीकी कारणों का हवाला दे रहा है। हालाँकि राज्य कर्मचारी सरकार की इस सफाई से संतुष्ट नहीं हैं। वो सरकार की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
केरल के सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि वेतन उनके ईटीएसबी खातों में तो दिख रहा है लेकिन वो उसे निकाल नहीं सकते। असंतुष्ट कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने कुछ लोगों की नाराजगी दूर करने के लिए सैलरी खातों में आ जाने का भ्रम पैदा किया है। सैलरी के अलावा पेंशन पाने वाले रिटायर हो चुके कर्मचारी भी अपने पेंशन की उम्मीद लगाए बैठे हैं। केरल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।
माना जा रहा है कि सैलरी आने का भ्रम पैदा करके वर्तमान सरकार केरल में चल रहे आर्थिक संकट को जानबूझ कर छिपाने का प्रयास कर रही है। वेतन आने में देरी होने से प्रभावितों में गृह, राजस्व, ट्रेजरी, जीएसटी और सचिवालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों के कर्मचारी भी शामिल हैं। इसकी वजह से इस मामले ने और अधिक तूल पकड़ लिया है। फ़िलहाल आने वाले समय में यदि ऐसे ही हालत बने रहे तो माना जा रहा है कि यह राज्य कर्मचारियों के मन में और अधिक असंतोष को पैदा करेगा।