भारत के जाने-माने शेफ और जी-20 में अपने हाथ से बनाकर खाना परोसने वाले कुणाल कपूर को अपनी पत्नी से आखिरकार तलाक मिल गया। कोर्ट ने क्रूरता को आधार बनाकर इस तलाक को मंजूरी दी। दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सुरेश कुमार केत और नीना बंसल कृष्णा ने इस संबंध में मंगलवार को फैसला सुनाया। उन्होंने माना कि कपूर की पत्नी से उनका रिश्ता ठीक नहीं था।
मीडिया में प्रकाशित जानकारी बताती है, शेफ कुणाल कपूर की शादी साल 2008 में हुई थी और वह साल 2012 में एक बेटे के पिता बने थे। बाद में उनके और उनकी पत्नी के रिश्ते में खटास आने लगी, दोनों अलग हुए, कुणाल ने पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
कुणाल का आरोप था कि उनकी पत्नी उन्हें और उनके परिवार को धमकाने के लिए पुलिस को फोन कर देती थी। सार्वजनिक स्थानों पर उन्हें अपमानित भी करती थी। कुणाल कपूर ने आगे 2016 की एक घटना का उदाहरण दिया।
उन्होंने बताया कि 2016 में जब वह मास्टरशेफ इंडिया की शूटिंग कर रहे थे उस समय उनकी पत्नी ने स्टूडियो में बेटे के साथ आकर हंगामा खड़ा कर दिया था। जब दोनों अलग हुए तो वो बच्चे को मिलने भी नहीं देती थी और उनसे पैसे माँगती थी वो अलग।
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— LOKMAT SAMACHAR (@lokmatsamachar1) April 3, 2024
उन्होंने ये भी दावा किया कि वो जब से फेमस हुए उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ झूठी खबरें फैलानी शुरू कर दी थी। उनके माता-पिता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जाती थी और एक बार तो उन्होंने शूटिंग पर जाने से पहले उन्हें थप्पड़ भी मारा था।
कुणाल की पत्नी एकता ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने परिवार और पति की मदद के लिए अपने करियर से समझौता किया, लेकिन घरवाले उन्हें ताने मारते रहते थे और छोटी-छोटी वजहों पर सुनाते थे।
कोर्ट ने दोनों की दलीलों पर गौर किया और तलाक को मंजूरी देते हुए कहा कि कानून के मुताबिक पति या पत्नी के खिलाफ सार्वजनिक रूप से लापरवाह, अपमानजनक और निराधार आरोप लगाना क्रूरता के बराबर है। कोर्ट ने माना कि कुणाल कपूर की पत्नी का आचरण गरिणा और सहानुभूति से रहित था।
कोर्ट ने कहा कि जब एक पति या पत्नी का एक-दूसरे के प्रति ऐसा स्वभाव होता है, तो यह विवाह के असली मतलब को अपमानित करता है और इसका कोई संभावित कारण मौजूद नहीं है कि उसे साथ रहने की पीड़ा सहते हुए रहने के लिए क्यों मजबूर किया जाए।