उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के क़रीबी और रिटायर्ड IAS अधिकारी नेतराम के यहाँ आयकर विभाग ने छापेमारी की है। मीडिया में चल रही ख़बरों के अनुसार, वे आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। बसपा से उन्हें टिकट भी मिलने वाला था। मंगलवार (मार्च 12, 2019) को इनकम टैक्स विभाग ने दिल्ली से लखनऊ तक उनके दर्जन भर ठिकानों पर गहन छापेमारी की। छापेमारी उनके निजी आवास समेत अन्य ठिकानों पर की गई है। आयकर विभाग की टीमें एक साथ उनके दिल्ली और लखनऊ के ठिकानों पर पहुँचीं। लखनऊ में स्टेशन रोड स्थित उनके घर पर कई घंटों तक जाँच चली। आपको बता दें कि लखनऊ में कपड़ों के गाढ़ा भंडार नाम के शोरूम पूर्व आईएएस नेतराम के ही हैं।
नेतराम बसपा शासनकाल में राज्य के मुख्य सचिव थे। आयकर विभाग ने उनके बैंक खातों को भी जाँच के घेरे में ले लिया है। विपुलखंड स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नेतराम और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर जो भी खाते थे, उन्हें सीज कर दिया गया है। छापेमारी के दौरान स्टेशन रोड स्थित उनके घर से कई क़ीमती चीजें बरामद की गई हैं। उन पर टैक्स चोरी के मामले में कार्रवाई की जा सकती है। यूपी में मायावती की सरकार के दौरान आईएएस नेतराम सबसे ताक़तवर अधिकारियों में से एक थे। वह 2007 से 2012 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के प्रमुख सचिव भी रहे हैं।
बताया जा रहा है रिटायर्ड आईएएस नेतराम चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे
— India Today (@IndiaToday) March 12, 2019
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मायावती के शासनकाल के दौरान उनका प्रभाव ऐसा था कि बड़े-बड़े नेताओं को भी उनसे मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लेना पड़ता था। उनके आवास पर नेताओं की लम्बी लाइन लगी रहती थी। कैबिनेट मंत्रियों तक को उनसे मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लेना पड़ता था। क़यास लगाए जा रहे हैं कि आयकर विभाग के अलावा अन्य केंद्रीय एजेंसियाँ भी उन पर शिकंका कस सकती है। 1979 बैच के अधिकारी नेतराम कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी काबिज़ रहे हैं।
उधर एक अन्य ख़बर के मुताबिक़, बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में बसपा के लोकसभा प्रभारी, नेताओं, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में कॉन्ग्रेस के प्रति काफ़ी सख़्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि हम अपना रुख दोहराते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में हम किसी भी राज्य में कॉन्ग्रेस के साथ न तो गठबंधन करेंगे और न ही उनकी कोई भी मदद लेंगे। अगर वह हमसे मदद मांगते हैं तो फिर हम विचार कर सकते हैं। बैठक में बसपा अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी किसी भी राज्य में कॉन्ग्रेस के साथ किसी भी प्रकार का कोई भी चुनावी समझौता अथवा तालमेल आदि करके यह चुनाव नहीं लड़ेगी।