12 जून 2018 को मध्य प्रदेश के इंदौर में भय्यूजी महाराज की खुदकुशी ने सबको हैरानी में डाल दिया था। सबके भीतर सवाल उठ रहे थे कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया? उस दौरान पूरे मामले की जाँच को उनके सुसाइड नोट के भरोसे छोड़ दिया गया था।
लेकिन, अब जाँच के बाद जो तथ्य निकलकर सामने आए हैं, वो बेहद हैरान करने वाले हैं। सोमावार (मार्च 18, 2019) को आज़ाद नगर सीएसपी सुरेंद्र सिंह तोमर ने 366 पेज का चालान कोर्ट में पेश किया। इसके मुताबिक भय्यूजी महाराज ने सुसाइड तो किया था लेकिन अपने तीन सेवादारों से परेशान और उनकी ब्लैकमेलिंग से तंग आकर।
इस चालान में दावा किया गया है कि भय्यूजी ने अपने सेवादार विनायक दुधाले, शरद देशमुख और पलक पुराणिक की ब्लैकमेलिंग से तंग आकर खुदकुशी की। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक इस मामले की छानबीन में 125 लोगों से पूछताछ की गई और 28 लोगों के बयान दर्ज हुए। साथ ही 12 चश्मदीदों के दिए बयानों का भी दो से अधिक बार परीक्षण किया गया।
इसी बीच पुलिस ने भय्यूजी महाराज के सेवादारों पलक, विनायक और शरद की चैटिंग की जाँच से पाया कि यह तीनों ही उनकी संपत्ति हासिल करने के लिए 2 साल से उनके साथ रहकर बड़ी साजिश रच रहे थे।
चूँकि भय्यूजी डिप्रेशन की बीमारी से जूझ रहे थे तो ऐसे में ये सेवादार उन्हें डॉक्टर द्वारा दी गई दवाई को हाई डोज में देते थे, जिससे वह तीन-तीन दिन तक बेहोशी की हालत में सोए रहते थे। इसी दौरान पलक और भय्यू महाराज के कई अश्लील तस्वीरें खींची गईं, जिसके बाद उन्हें ब्लैकमेल किया जाने लगा।
ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर वह मानसिक रूप से बीमार हो गए। जाँच के आधार पर पुलिस का दावा है कि सुसाइड नोट को सेवादारों ने षड्यंत्र के तहत आत्महत्या करने से पहले लिखवाया था।
खबरों के मुताबिक पलक भय्यू जी के संपर्क में पिछले दो साल से थी और वह उनसे शादी भी करने को इच्छुक थी, लेकिन इस बीच महाराज ने डॉ. आयुषी से शादी कर ली। जिसके बाद पलक ने काफ़ी हंगामा किया और उन्हें 16 जून तक शादी करने का समय दिया था।
भय्यूजी महाराज से यह तीनों सेवादार ₹1.5 लाख महीना लेते थे। इसके अलावा ये लोग महाराज को ब्लैकमेल करके एक करोड़ से ज्यादा राशि पहले ही हड़प चुके थे और साथ ही आश्रम की संपत्ति को हथियाने के लिए तिजोरी और दान में मिलने वाली सामग्री का लेखा-जोखा अपने कब्जे में कर लिया था।