एयरलाइन सीट आवंटन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने द्वारा दाखिल किए गए आरोप पत्र पर सीबीआई की विशेष अदालत ने संज्ञान लिया है। अगस्ता वेस्टलैंड केस में आरोपित दलाल दीपक तलवार के बेटे आदित्य के ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती वारंट जारी किया गया है। विशेष सीबीआई जज अनुराधा शुक्ला ने दीपक तलवार की ज़मानत याचिका पहले ही ठुकरा दी है। प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत को बताया कि पूर्व केंद्रीय नगर विमानन मंत्री और राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) के नेता प्रफुल्ल पटेल के दलाल दीपक तलवार से काफ़ी क़रीबी सम्बन्ध हैं। ईडी के अनुसार, दीपक तलवार ने एअर इंडिया के मुनाफे वाले मार्गाें पर सीट-बँटवारे के मामले में विदेशी निजी एयरलाइनों, जैसे एयर अरेबिया, अमीरात के पक्ष में दलाल के तौर पर काम किया था।
दीपक तलवार ने उस दौरान यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे प्रफुल्ल पटेल के साथ अपने संपर्कों का प्रयोग करते हुए भारतीय कम्पनी को नुकसान पहुँचाया। तलवार को विदेशी कंपनियों के पक्ष में दलाल का काम करने के लिए 272 करोड़ रुपए दिए गए थे। ईडी ने स्पेशल कोर्ट में दायर किए गए आरोप पत्र में इन सारी बातों का जिक्र किया है। मामले की अगली सुनवाई 9 मई को होगी। जाँच एजेंसी ने कहा कि उसके पास प्रफुल्ल पटेल और दीपक तलवार के बीच ईमेल से हुई बातचीत के सबूत हैं। इससे पहले ईडी ने कहा था कि जाँच से पता चला है कि तलवार के तार भगोड़ा विजय माल्या से भी जुड़े हैं।
Not only Civil Aviation, ‘lobbyist’ Deepak Talwar was close to top brass in Ministries of Finance, Law, Corporate Affairs, banking & media.
— Raghav Ohri (@raghavohri0) May 2, 2019
Prepared draft letters on behalf of Praful Patel who is a ‘dear friend’ of Talwar & met him ‘socially’: EDhttps://t.co/JmJ1J5wU0s pic.twitter.com/7YnvOTrdeY
तलवार को मिले 272 करोड़ रुपयों में से 127 करोड़ का पता एक फर्म के अकाउंट से चला है और बाकी रुपयों की स्थिति का पता लगाया जा रहा है। ईडी ने यह भी कहा है कि प्रफुल्ल पटेल सामाजिक रूप से तलवार से मिलते-जुलते रहते थे। ईडी 23 विदेशी और 33 भारतीय कंपनियों की जाँच कर रही है, जिसके तार दीपक तलवार से जुड़े हैं। तलवार को मिले किकबैक्स को इन्हीं कंपनियों के माध्यम से इधर-उधर पहुँचाया जाता था।
दीपक पर आपराधिक साज़िश रचने, जालसाजी और विदेशी चंदा विनियमन कानून की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं। दीपक तलवार के एनजीओ को यूरोप की एक मिसाइल निर्माता कम्पनी से 90 करोड़ रुपए विदेशी कोष में मिले, जिसका इस्तेमाल उसने अन्य कार्यों में किया। दीपक तलवार को जनवरी 2019 में दुबई से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था। आइजी रैंक के एक अधिकारी के नेतृत्व में प्रवर्तन निदेशालय का एक दल, विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अफसर और रॉ के अफसरों की एक टीम ने इस काम को अंज़ाम दिया था। दीपक तलवार अभी जुडिसियल कस्टडी में है।
It is alleged that Deepak Talwar finalized various communications on behalf of Emirates, Air Arabia to be addressed to Ministry of Civil Aviation/the then minister Praful Patel. Next date of hearing is on 9th May. https://t.co/Rgtg2amj70
— ANI (@ANI) May 1, 2019
प्रफुल्ल पटेल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष हैं। यूपीए सरकार के दौरान विमानन और भारी उद्योग मंत्रालय संभालने वाले पटेल 10 वर्षों तक केंद्रीय मंत्री रहे थे। ऐसे में दीपक तलवार जैसे कॉर्पोरेट दलाल के साथ उनका नाम जुड़ना कॉन्ग्रेस और राकांपा के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। दोनों दल महाराष्ट्र में गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुक़ाबला मज़बूत भाजपा-शिवसेना गठबंधन से है। दीपक तलवार के ख़िलाफ़ न सिर्फ़ प्रवर्तन निदेशालय बल्कि सीबीआई और आयकर विभाग भी जाँच कर रहा है। उस पर मनी लॉन्डरिंग के मामले चल रहे हैं। उस पर टैक्स चोरी का मामला भी चल रहा है।