केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर के अकाउंट ब्लॉक करने के मामले में ट्विटर फँस गया है। इस संबंध में संसदीय समिति ने मंगलवार (29 जून 2021) को ट्विटर से दो दिनों में जवाब माँगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति ने सचिवालय को 2 दिनों के भीतर ट्विटर से लिखित में जवाब माँगने का निर्देश दिया है।
Parliamentary panel for IT headed by Congress leader Shashi Tharoor directed the secretariat to seek in writing from Twitter within two days on what basis Twitter accounts of IT Minister Ravi Shankar Prasad & Shashi Tharoor were blocked. Letter to Twitter likely to be sent today
— ANI (@ANI) June 29, 2021
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर समिति ट्विटर के अधिकारी को तलब कर सकती है। मालूम हो कि शुक्रवार (25 जून 2021) को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के ट्विटर अकाउंट को एक घंटे तक के लिए लॉक कर दिया गया था। वहीं, इसके बाद कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी ट्वीट कर यह जानकारी दी कि उनका भी अकाउंट कुछ समय के लिए ब्लॉक कर दिया गया था। थरूर ने उसी समय कहा था कि इसे लेकर संसदीय समिति ट्विटर से जवाब माँगेगी।
If the committee does not get a satisfactory reply from Twitter, then the committee can summon the Twitter official.
— ANI (@ANI) June 29, 2021
बता दें कि केंद्र के नए आईटी नियमों को लेकर बीते कुछ दिनों से ट्विटर और सरकार के बीच तनातनी जारी है। जहाँ एक ओर मोदी सरकार माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर से नए आईटी नियमों को मानने के लिए कह रही है। वहीं दूसरी ओर ट्विटर इससे मानने से इनकार कर रहा है। इसको लेकर भारत सरकार ने कंपनी को फटकार भी लगाई थी। ट्विटर की ओर से जारी बयान में अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देकर चिंता जाहिर करने पर सरकार ने कंपनी को कहा था कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करना भारत सरकार की जिम्मेदारी है न कि ट्विटर जैसी किसी निजी लाभकारी, विदेशी संस्था की।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि ट्विटर को इधर-उधर सिर मारना बंद करना चाहिए और भारतीय कानून का पालन करना चाहिए। कानून बनाना और नीति बनाना संप्रभु राष्ट्र का विशेषाधिकार है और ट्विटर सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। भारत की कानूनी नीति की रूपरेखा क्या होनी चाहिए, यह तय करने में इसका कोई अधिकार नहीं होगा। हाल ही में केंद्र ने ट्विटर का इंटरमीडियरी का दर्जा भी खत्म कर दिया था।