Sunday, September 1, 2024
Homeविविध विषयअन्यभारतीय नेताओं का अकाउंट ब्लॉक करने पर फँसा ट्विटर: संसदीय पैनल ने 2 दिन...

भारतीय नेताओं का अकाउंट ब्लॉक करने पर फँसा ट्विटर: संसदीय पैनल ने 2 दिन में माँगा लिखित जवाब

संसदीय समिति ने मंगलवार (29 जून 2021) को ट्विटर से दो दिनों में जवाब माँगा है। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर समिति ट्विटर के अधिकारी को तलब कर सकती है।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर के अकाउंट ब्लॉक करने के मामले में ट्विटर फँस गया है। इस संबंध में संसदीय समिति ने मंगलवार (29 जून 2021) को ट्विटर से दो दिनों में जवाब माँगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति ने सचिवालय को 2 दिनों के भीतर ट्विटर से लिखित में जवाब माँगने का निर्देश दिया है।

माइक्रो ब्लॉगिंग साइट से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर समिति ट्विटर के अधिकारी को तलब कर सकती है। मालूम हो कि शुक्रवार (25 जून 2021) को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के ट्विटर अकाउंट को एक घंटे तक के लिए लॉक कर दिया गया था। वहीं, इसके बाद कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी ट्वीट कर यह जानकारी दी कि उनका भी अकाउंट कुछ समय के लिए ब्लॉक कर दिया गया था। थरूर ने उसी समय कहा था कि इसे लेकर संसदीय समिति ट्विटर से जवाब माँगेगी।

बता दें कि केंद्र के नए आईटी नियमों को लेकर बीते कुछ दिनों से ट्विटर और सरकार के बीच तनातनी जारी है। जहाँ एक ओर मोदी सरकार माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर से नए आईटी नियमों को मानने के लिए कह रही है। वहीं दूसरी ओर ट्विटर इससे मानने से इनकार कर रहा है। इसको लेकर भारत सरकार ने कंपनी को फटकार भी लगाई थी। ट्विटर की ओर से जारी बयान में अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देकर चिंता जाहिर करने पर सरकार ने कंपनी को कहा था कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करना भारत सरकार की जिम्मेदारी है न कि ट्विटर जैसी किसी निजी लाभकारी, विदेशी संस्था की।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि ट्विटर को इधर-उधर सिर मारना बंद करना चाहिए और भारतीय कानून का पालन करना चाहिए। कानून बनाना और नीति बनाना संप्रभु राष्ट्र का विशेषाधिकार है और ट्विटर सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। भारत की कानूनी नीति की रूपरेखा क्या होनी चाहिए, यह तय करने में इसका कोई अधिकार नहीं होगा। हाल ही में केंद्र ने ट्विटर का इंटरमीडियरी का दर्जा भी खत्म कर दिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -