Sunday, December 22, 2024
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RuPay डेबिट कार्ड और BHIM UPI से लेन-देन पर मिलेगी छूट, मोदी सरकार लेकर आई ₹1300 करोड़ की स्कीम

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस योजना पर लगभग 1,300 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा कैबिनेट ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बोर्ड उत्पादन के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना को भी मंजूरी दी।

जल्द ही रुपे कार्ड और भीम ऐप से लेनदेन पर आपको मोदी सरकार बड़ा फायदा देने जा रही है। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बुधवार (15 दिसंबर 2021) को कैबिनेट ने रुपे डेबिट कार्ड (Rupay Debit Card) और भीम यूपीआई (BHIM UPI) से डिजिटल लेनदेन को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की योजना को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने 15 दिसंबर को प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि इस योजना पर लगभग 1,300 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा कैबिनेट ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बोर्ड उत्पादन के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना को भी मंजूरी दी।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने योजना के बारे में बात करते हुए कहा कि रुपे और यूपीआई भुगतान प्रणाली को और विकसित करने के लिए भारत सरकार लेनदेन के व्यक्ति-से-व्यापारी ( person-to-merchant) हिस्से में एमडीआर (व्यापारी छूट दर) की प्रतिपूर्ति करेगी। उन्होंने आगे बताया कि यह प्रोत्साहन डिजिटल भुगतान के लिए एक निवेश की तरह होगा। सरकार 1300 करोड़ रुपए का निवेश करेगी ताकि अधिक से अधिक लोग डिजिटल भुगतान को अपना सकें।

ठाकुर ने कहा कि इस योजना में अगले पाँच से छह वर्षों में सेमीकंडक्टर उत्पादन में 76,000 करोड़ रुपए निवेश की जाएगी। दूरसंचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि निर्णय से माइक्रोचिप्स के डिजाइन, निर्माण, पैकिंग और परीक्षण में मदद मिलेगी और एक पूरा इकोसिस्टम विकसित होगा।

जारी किए गए बयान के मुताबिक, यह योजना एक्वायरिंग बैंकों को मजबूत डिजिटल भुगतान इको-सिस्टम्स के निर्माण में मदद करेगी। साथ ही रूपे डेबिट कार्ड व BHIM-UPI डिजिटल लेन-देन को सभी क्षेत्रों और आबादी के सभी खंडों में बढ़ावा देने और देश में डिजिटल भुगतान को और मजबूत बनाने में भी सहायता प्रदान करेगी। 

यह योजना बैंक सुविधा से वंचित एवं हाशिए पर रहने वाली उस आबादी के लिए भी डिजिटल पेमेंट मोड्स को सुलभ बनाने में मदद करेगी, जो औपचारिक बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली से बाहर हैं। यह योजना फिनटेक स्पेस में अनुसंधान, विकास और इनोवेशन को और अधिक बढ़ावा देगी। साथ ही सरकार को देश के विभिन्न भागों में डिजिटल भुगतान को और अधिक मजबूत बनाने में भी सहायता प्रदान करेगी। 

रॉयटर्स द्वारा एक्सेस किए गए आंतरिक अमेरिकी सरकार के मेमो के अनुसार, वीजा अधिकारियों ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR) कैथरीन ताई के साथ बैठक में मोदी सरकार द्वारा RuPay को बढ़ावा देने की शिकायत की थी। मेमो में कहा गया था, “वीजा भारत की अनौपचारिक और औपचारिक नीतियों के बारे में चिंतित है जो अन्य घरेलू और विदेशी इलेक्ट्रॉनिक भुगतान कंपनियों के मुकाबले नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के कारोबार के पक्ष में हैं।”

बता दें कि इससे पहले, मास्टरकार्ड ने भी भारत के घरेलू भुगतान नेटवर्क के संबंध में इसी तरह की चिंता व्यक्त की थी। 2018 में, कंपनी ने यूएसटीआर में विरोध दर्ज कराया था कि मोदी सरकार प्रतिद्वंद्वी भुगतान नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रवाद का उपयोग कर रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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