पाकिस्तान के एक क्रिकेटर थे। कप्तान भी रहे। नाम – शाहिद अफरीदी। वही शाहिद अफरीदी, जो अब इस्लाम धर्म की राह पकड़ चुके हैं। इन्हें एक कॉलेज में बुलाया गया। कॉलेज लड़कियों का। खेल-कूद की बातों के अलावा खिलाड़ी शाहिद अफरीदी वहाँ सब बोल आए।
चौंक गए! दरअसल खिलाड़ी शाहिद अफरीदी कॉलेज में गए ही नहीं थे। वहाँ गया शख्स शाहिद अफरीदी तो था, लेकिन वो तब्लीगी जमात से जुड़ा शख्स था। वो शख्स जो क्रिकेट को शायद भुला चुका है। अब खबर विस्तार से।
बख्तावर कैडेट कॉलेज फॉर गर्ल्स के प्रिंसिपल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डॉ मुहम्मद अमीन ने शाहिद अफरीदी को बुलाया था। सोचा होगा कि लड़कियों को शायद वो आकर खेल-कूद में हिस्सा लेने की सलाह देंगे। हुआ उल्टा। अफरीदी ने इस्लाम पर भाषण दे डाला।
शाहिद अफरीदी ने कहा कि महिलाओं को इस्लाम में बहुत अधिकार दिए गए हैं। यह भी कह डाला कि लड़कियों को या महिलाओं को इस्लामी सिद्धांत ही अपनाने चाहिए। थोड़ा और व्याख्या कर कहा कि इस्लामी ढाँचे में ही लड़कियों-महिलाओं का जीवन सफल बन सकता है।
तब्लीगी जमात के सदस्य भी अफरीदी के साथ बख्तावर कैडेट कॉलेज फॉर गर्ल्स के दौरे पर गए थे। यानी कि प्रिंसिपल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डॉ मुहम्मद अमीन के बारे में जो शायद (लड़कियों को शायद वो आकर खेल-कूद में हिस्सा लेने की सलाह देंगे) लिखा गया था, वो लिखने वाले की गलती थी। कृपया माफ कीजिएगा।
अब बस एक और बात। अफरीदी की बेटी भारत में टीवी सीरियल देखती थीं। एक दिन अफरीदी ने यह देख लिया। उस समय टीवी पर हिंदू आरती का कुछ सीन चल रहा होगा। छोटी सी बच्ची (जो न मुस्लिम थी, न हिंदू) टीवी सीरियल देख आरती की तरह हाथ घुमा रही थी। बस अफरीदी ने टीवी तोड़ डाला था।