Monday, November 18, 2024
Homeविविध विषयअन्यतालिबान बड़े पॉजिटिव... लेडीज को जॉब, क्रिकेट को सपोर्ट: शाहिद अफरीदी, शिखर धवन से...

तालिबान बड़े पॉजिटिव… लेडीज को जॉब, क्रिकेट को सपोर्ट: शाहिद अफरीदी, शिखर धवन से मिला था ‘गब्बर’ जवाब

"तालिबान आए हुए हैं इस वक्त… और बड़े पॉजिटिव फ्रेम ऑफ माइंड के साथ आए हुए हैं... माशाअल्लाह ये चीज बड़ी जबरदस्त पॉजिटिविटी की तरफ चीजें नजर आ रही हैं… कि लेडीज को काम करने की इजाजत…"

“देखिए… नो डाउट… तालिबान आए हुए हैं इस वक्त… और बड़े पॉजिटिव फ्रेम ऑफ माइंड के साथ आए हुए हैं, ये चीज हमें पहले नजर नहीं आई और माशाअल्लाह ये चीज बड़ी जबरदस्त पॉजिटिविटी की तरफ चीजें नजर आ रही हैं… कि लेडीज को काम करने की इजाजत… पॉलिटिक्स में… बाकी जॉब्स की तरह उनको… मतलब इजाजत है… ऐंड देन (और/इसके अलावा) क्रिकेट को सपोर्ट कर रहे हैं, क्रिकेट सीरीज हो जाती लेकिन श्रीलंका में मेरे ख्याल से कोविड की सिचुएशन ठीक नहीं थी, इसकी वजह से सीरीज नहीं हुई, तो मैं समझता हूँ कि तालिबान क्रिकेट को बहुत ज्यादा पसंद करते हैं।”

ऊपर वाली बात शाहिद अफरीदी ने कही है। एक बार फिर पढ़िए, जितनी बार “…” का प्रयोग किया गया है, उतनी बार शाहिद अफरीदी ने अपनी लड़खड़ाती जबान को संभालने के लिए ऐं-वें-उ-ऊ से शब्दों के खाली स्थान को भरा है।

गौर कीजिए। क्रिकेट पर बात के दौरान शाहिद अफरीदी की जुबान नहीं लड़खड़ाती है। यह सब कुछ महिला अधिकारों, महिलाओं को जॉब, महिलाओं के लिए पॉलिटिक्स में काम जैसे जुमलों पर होता है। क्यों? क्योंकि शाहिद अफरीदी खुद भी ‘तालिबान’ हैं। चौंकिए मत। सबूत है।

शाहिद अफरीदी की चमड़ी जितनी सुंदर है, दिल और मानसिकता उतनी ही काली है – कम से कम महिलाओं की स्वतंत्रता को लेकर। पाकिस्तान के एक गर्ल्स कॉलेज जाकर इन साहब ने तो लड़कियों को इस्लामी सिद्धांत अपनाने और जीवन सफल करने का मंत्र तक दे डाला।

और हाँ। शाहिद अफरीदी भेदभाव नहीं करते। जो सोच दूसरी लड़कियों को लेकर उनके दिल में है, वही सोच वो अपनी बेटियों तक के लिए रखते हैं। ‘गेम चेंजर’ नाम की ऑटोबायोग्रफी में अफरीदी लिखते हैं कि उनकी बेटियों के लिए क्रिकेट या किसी भी तरह के आउटडोर खेलों की मनाही है। इसके पीछे उन्होंने सामाजिक और धार्मिक वजह वाला तर्क दिया है।

दो उदाहरणों से गणित की तरह सिद्ध हुआ कि शाहिद अफरीदी खुद भी ‘तालिबान’ हैं।

महिलाओं को ‘जॉब’ देने वाले ‘पॉजिटिव तालिबानियों’ की शाहिद अफरीदी क्यों तारीफ कर रहे हैं, यह बड़ा सवाल है। जवाब तो सिर्फ और सिर्फ उनके पास होगा, हम सिर्फ कयास लगा सकते हैं कि शायद फट के फलावर हुई पड़ी है सभी पाकिस्तानियों की। क्यों? क्योंकि आम पाकिस्तानी तो छोड़िए, अफगानिस्तान पर शासन के बाद तालिबान अब तो डायरेक्ट पाकिस्तान के पीएम इमरान खान तक को धमकी देने लगे हैं।

एक और बात। खुशखबरी है शाहिद अफरीदी के लिए। उन्हें तालिबान का अगला प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है। इसकी डिमांड शुरू भी हो गई है। देखिए ट्वीट। पावरफुल लोग शाहिद अफरीदी के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।

शाहिद अफरीदी को शिखर धवन का जवाब

जम्मू कश्मीर के अवैध पाकिस्तानी कब्जे वाले हिस्से में एक बार शाहिद अफरीदी गए। वहाँ से भारत के लिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भला-बुरा कहा था। हालाँकि रगड़ दिए गए थे। वैसे तो गौतम गंभीर, हरभजन सिंह, युवराज सब ने लताड़ लगाई थी लेकिन शिखर धवन ने अपने ‘गब्बर’ वाले अंदाज में बाउंड्री के पार मारा था शाहिद अफरीदी को।

शिखर धवन ने जवाब देते हुए लिखा था, “इस वक्त जब सारी दुनिया कोरोना से लड़ रही है, उस वक्त भी तुमको कश्मीर की ही पड़ी है? कश्मीर हमारा था, हमारा है और हमारा ही रहेगा… तुम चाहे पूरे 22 करोड़ लोगों को लेकर आ जाओ, यहाँ का एक-एक व्यक्ति सवा लाख के बराबर है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मणिपुर में बिहार के लोगों से हफ्ता वसूली, हिंसा के लिए महिला ब्रिगेड: रिपोर्ट से कुकी संगठनों की साजिश उजागर, दंगाइयों को छुड़ाकर भी...

मणिपुर में हिंसा फैलाने के लम्बी चौड़ी साजिश रची गई थी। इसके लिए कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की।

404 एकड़ जमीन, बसे हैं 600 हिंदू-ईसाई परिवार: उजाड़ना चाहता है वक्फ बोर्ड, जानिए क्या है केरल का मुनम्बम भूमि विवाद जिसे केंद्रीय मंत्री...

एर्नाकुलम जिले के मुनम्बम के तटीय क्षेत्र में वक्फ भूमि विवाद करीब 404 एकड़ जमीन का है। इस जमीन पर मुख्य रूप से लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू परिवार बसे हुए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -