आज तक आपने अदालतों के जजों को किसी प्रकार की बदसलूकी पर वकीलों को डाँटते हुए देखा होगा, मगर क्या आपने सुना है कि किसी जज को ‘माई लॉर्ड’ कहने पर वकीलों को डाँट पड़ी। अगर नहीं, तो आज ऐसी खबर भी पढ़ लीजिए।
सुप्रीम कोर्ट के जज पीएस नरसिम्हा ने बुधवार (1 नवंबर) को एक केस की सुनवाई के दौरान सीनियर वकील द्वारा बार-बार ‘माय लॉर्ड और योर लॉर्डशिप’ कहे जाने पर नाराजगी व्यक्ति की। उन्होंने सुनवाई के बीच वरिष्ठ वकील से कहा- “आप कितनी बार ‘माय लॉर्ड’ कहेंगे। यदि आप इसे कहना बंद करेंगे तो मैं आपको अपनी आधी सैलरी दे दूँगा।”
रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा- “आप माय लॉर्ड कहना बंद करें नहीं तो मैं इसे गिनना शुरू कर दूँगा।” उन्होंने वकील को सुझाव दिया कि वो इस शब्द की जगह ‘सर’ का प्रयोग क्यों नहीं करते।
Supreme Court Judge Justice PS Narasimha To Senior Advocate: Stop Calling Me 'My Lord' and I Will Give You Half of My Salary #SupremeCourtofIndia https://t.co/PYux5Phtpv
— LatestLY (@latestly) November 2, 2023
इससे पूर्व दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस रविंदर भट्ट व जस्टिस मुरलीधर और चेन्नई हाईकोर्ट के जस्टिस चंद्रू ने अपने कोर्ट रूम के बाहर लिखवाया था कि कोर्ट में सुनवाई के समय ‘माय लॉर्ड’ या ‘योर लॉर्डशिप’ जैसे शब्दों का प्रयोग न किया जाए।
बता दें कि ब्रिटिश काल में लगने वाली अदालतों में जजों को संबोधन करते समय ‘माई लॉर्ड’ शब्द का प्रयोग होता था। हालाँकि भारतीय विधिज्ञ परिषद ने 2006 में एक प्रस्ताव पारित करके इस शब्द पर रोक लगा दी और तय हुआ कि अब से जजों को ‘माय लॉर्ड’ या ‘योर लॉर्डशिप’ नहीं कहा जाएगा। यह फैसला भारत के राजपत्र में भी प्रकाशित हुआ।
इस निर्णय के बावजूद आजतक अदालतों में इन शब्दों का प्रयोग बंद नहीं हुआ। फिल्मों में भी अदालती कार्रवाई दिखाते टाइम ऐसी ही भाषा इस्तेमाल लाई जाती रही। पर वास्तविकतामें आधिकारिक तौर पर अब इसका इस्तेमाल निषेध है। इन शब्दों के अलावा ‘योर ऑनर’ और ‘ऑनरेबल कोर्ट’ जैसे शब्द प्रयोग में लाए जा सकते हैं।