भारत सरकार द्वारा ट्विटर को आईटी रुल्स के अनुपालन के लिए अंतिम नोटिस जारी किए जाने के बाद खबर है कि ट्विटर ने इस पर अपना काम शुरू कर दिया है। कंपनी ने भारत सरकार को बताया है कि उन्होंने इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमिडियरी गाइडलाइंस एण्ड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स, 2021 के तहत दो अधिकारियों को नियुक्त कर लिया है और तीसरे को भी फाइनल करने की प्रक्रिया अंतिम चरणों में है।
#Breaking | Centre vs Twitter: Compliance process initiated by Twitter.
— TIMES NOW (@TimesNow) June 9, 2021
Twitter appoints Nodal Contact Person & Resident Grievance Officer; to finalise Chief Compliance Officer too. pic.twitter.com/ecSjO94HLQ
टाइम्स नाऊ के ट्वीट के अनुसार, ट्विटर ने नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन और रेसीडेंट ग्रिवांस ऑफिसर को नियुक्त कर लिया है। इसके अलावा वह चीफ कंप्लायन्स ऑफिसर को भी फाइनल कर रहे हैं। इन सबको जल्द उनकी ड्यूटी असाइन की जाएँगी। इस काम के बाद आगे ट्विटर आधिकारिक तौर पर भारत सरकार को हलफनामा देगा, जिसमें बताया जाएगा कि उन्होंने नए नियमों में दिए गए दिशा-निर्देशों का अनुपालन कर लिया है।
#Breaking | New IT rules: Twitter begins compliance process; informs govt that it has appointed a Nodal Contact Person, Resident Grievance Officer; says it is in an advanced stage of finalizing a Chief Compliance Officer.
— TIMES NOW (@TimesNow) June 9, 2021
Mohit Sharma with details. pic.twitter.com/xTeZfuu92v
इससे पहले भारत सरकार ने ट्विटर को भेजे गए आखिरी नोटिस में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को कानून का अनुपालन करने को कहा था। नोटिस में कहा गया था कि ट्विटर ने नए आईटी रूल्स के अंतर्गत नियुक्त किए जाने वाले चीफ कंप्लायन्स ऑफिसर से संबंधित कोई जानकारी साझा नहीं की है और ट्विटर द्वारा नियुक्त किए गए रेसीडेंट ग्राइवेंस ऑफिसर और नोडल कान्टैक्ट पर्सन भी ट्विटर के कर्मचारी नहीं हैं। नोटिस में बताया गया था कि नए आईटी रूल्स के तहत अनुपालन में असमर्थ रहने पर ट्विटर आगामी परिणामों के लिए जिम्मेदार होगा।
बता दें कि ट्विटर द्वारा आईटी एक्ट के नए नियमों का पालन न किए जाने पर भारत सरकार ने कंपनी को फटकार लगाई थी। ट्विटर की ओर से जारी बयान में अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देकर चिंता जाहिर करने पर सरकार ने कंपनी को कहा था कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करना भारत सरकार की जिम्मेदारी है न कि ट्विटर जैसी किसी निजी लाभकारी, विदेशी संस्था की।
मंत्रालय के बयान में कहा था कि ट्विटर को इधर-उधर सिर मारना बंद करना चाहिए और भारतीय कानून का पालन करना चाहिए। कानून बनाना और नीति बनाना संप्रभु राष्ट्र का विशेषाधिकार है और ट्विटर सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। भारत की कानूनी नीति की रूपरेखा क्या होनी चाहिए, यह तय करने में इसका कोई अधिकार नहीं होगा।