केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार (फरवरी 1, 2021) को आम बजट पेश किया। इसके बाद हर कोई अपने-अपने तरीके से इस बजट की समीक्षा करने में लगा हुआ है। इस वर्ष बजट में सरकार ने किसानों और खेती से जुड़े सेक्टर्स के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी खासा ध्यान दिया है।
ग्राफिक्स से समझिए क्या है बजट 2021-2022
केंद्र सरकार ने ‘आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ का ऐलान किया है, जिसके लिए 64180 करोड़ रुपए के भारी बजट का प्रबंध किया गया है।
टैक्सपेयर्स के मामले में इस बार के बजट में दो बड़े एलान हुए हैं। पहला ऐलान यह हुआ है कि 75 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे बुजुर्ग जो केवल पेंशन और जमा से होने वाली ब्याज आय पर निर्भर हैं, उन्हें इनकम टैक्स फाइलिंग से राहत दी जाएगी।
वहीं दूसरा बड़ा ऐलान होम लोन लेने वालों के लिए रहा। सस्ते मकान की खरीद के लिए होम लोन के ब्याज पर 1.5 लाख रुपए तक के अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन को और एक साल बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। यानी अब करदाता इस अतिरिक्त डिडक्शन का लाभ 31 मार्च 2022 तक ले सकेंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए फिस्कल डेफिसिट GDP का 6.8% रहने की संभावना है। साथ ही वित्त वर्ष 2021-22 के लिए खर्च Rs 34.5 लाख करोड़ हो सकता है। इसके साथ ही वित्त वर्ष फिस्कल डेफिसिट GDP का 9.5% संभव है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किसानों को कनसेसनल क्रेडिट बूस्ट दिया गया। किसानों के लिए आपातकालीन कार्यशील पूँजी का प्रावधान किया गया। इसके साथ ही राज्य सरकारों के उधार लेने की सीमा को बढ़ाया गया।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत स्कूल शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के लिए देश भर से 15,000 स्कूलों को मॉडल स्कूल के तौर पर चयनित किया जाएगा। ये चयनित स्कूल अन्य स्कूलों के लिए मेंटरशिप और हैंडहोल्डिंग का कार्य करेंगे। गैर सरकारी संगठनों/ निजी स्कूलों/राज्यों के साथ भागीदारी में 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित किए जाएँगे।
अनुसूचित जनजाति के स्टूडेंट्स को बढ़ावा देने के लिए 750 एकलव्य मॉडल स्कूलों की स्थापना का लक्ष्य है। प्रति स्कूल 20 करोड़ के आवंटन को बढ़ाकर 38 करोड़ किया गया है। पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में यह राशि 48 करोड़ होगी।
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 को 2021-2026 से 5 वर्षों की अवधि में 1,41,678 करोड़ रुपए का कुल वित्तीय आवंटन किया जाएगा।
वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट में स्वास्थ्य व देखभाल, वित्तीय पूँजी और बुनियादी ढ़ांँचा, आकांक्षी भारत के लिए समग्र विकास, मानव संसाधन विकास, अनुसंधान व नवाचार और न्यूनतम सरकार- अधिकतम शासन पर जोर दिया गया है।
नोट: यह सभी ग्राफिक्स सरकारी वेबसाइट से ली गई है।