NITI आयोग ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDG) इंडेक्स 2023-24 जारी की है। देश में विकास का स्तर बताने वाली इस रिपोर्ट में उत्तराखंड टॉप पर है। उत्तर प्रदेश ने भी इस बार बड़ी छलाँग लगाई है और विकास के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। इस रिपोर्ट से अन्य कई तथ्य भी सामने आए हैं।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में बीते सालों के मुकाबले गरीबी तेजी से घटी है जबकि इस दौरान आम लोगों को मिलने वाली शिक्षा, बिजली और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं में सुधार आया है। इस रिपोर्ट में देश के 16 लक्ष्यों पर राज्यों की प्रगति का मुआयना किया गया है। भारत का SDG स्कोर भी इस दौरान 66 से बढ़ कर 71 हो गया है।
उत्तराखंड टॉप, यूपी आगे बढ़ा
इस SDG रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड SDG लक्ष्यों को पाने में देश में सबसे आगे है। उसका SDG स्कोर 100 में से 79 है। ये स्कोर केरल का भी है। SDG के पहले लक्ष्य गरीबी खत्म करने के मामले में उत्तराखंड ने 100 में से 83 का स्कोर किया है। वहीं भुखमरी खत्म करने के मामले में उसका स्कोर 66 है। इसके अलावा लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया करवाने के मामले में उत्तराखंड का स्कोर 100 में से 84 रहा है। शिक्षा के मामले में भी वह 74 के स्कोर के साथ सबसे अग्रणी राज्यों में है।
उत्तराखंड साफ़ पानी और बिजली पहुँचाने के मामले में भी आगे रहा है। ऐसे में उसे SDG के लक्ष्यों के तहत सबसे अधिक काम करने वाले राज्य का दर्जा दिया गया है। जहाँ एक ओर उत्तराखंड ने इस मामले में सबसे शीर्ष पर जगह बनाई है, वहीं देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश ने भी बड़ी छलाँग लगाई है।
SDG की रिपोर्ट में इस बार उत्तर प्रदेश को फ्रंट रनर की श्रेणी में रखा गया है। इससे पहले वह परफ़ॉर्मर की श्रेणी में था। उत्तर प्रदेश देश की रैंकिंग में 18वें स्थान पर पहुँच गया है। उसका SDG स्कोर 67 रहा है। उसने 2021-22 के मुकाबले 4 स्थानों की छलाँग लगाई है और अपने स्कोर में 7 बिन्दुओं का सुधार किया है। उत्तर प्रदेश ने स्वच्छ ऊर्जा के मामले में 100 में से 100 का स्कोर किया है। इसके अलावा स्वच्छ जल पहुँचाने के मामले में 100 में से 94 का स्कोर किया है।
गरीबी भी घटी
SDG इंडेक्स में सामने आया है कि देश में बीते कुछ वर्षों में गरीबी घटी है। रिपोर्ट के अनुसार, देश में गरीबी के मामले में भी कमी आई है। पिछली रिपोर्ट के मुकाबले इस बार की रिपोर्ट में गरीबी हटाने के मामले में SDG स्कोर 72 रही है। इससे पहले यह 64 पर था। 2015-16 में देश में बहुआयामी गरीबी लगभग 24% था, जिसके 2022-23 में 11% आ जाने का अनुमान है। यानी अब देश की लगभग 11% जनता ही बहुआयामी गरीबी को झेल रही है। इस रिपोर्ट के अनुसार, 2013-14 से 2022-23 के बीच 24 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं।