Tuesday, September 17, 2024
Homeविविध विषयअन्यजब अंबेडकर ने गाँधी के लिए कहा था- बगल में छुरी मुँह में राम,...

जब अंबेडकर ने गाँधी के लिए कहा था- बगल में छुरी मुँह में राम, ‘हत्या’ को देश के लिए बताया था ‘अच्छा’: आज सवाल पर कालीचरण महाराज गिरफ्तार

डॉ अंबेडकर ने कहा, "जैसा कि बाइबल में लिखा है कि कई बार कुछ अच्छी चीज किसी बुरी चीज से ही बाहर आती हैं। मुझे लगा कि गाँधी की मौत से भी कुछ अच्छा ही होगा...।"

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी पर अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद महाराज कालीचरण को आज (दिसंबर 30, 2021) खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया गया है। इस गिरफ्तारी के बाद कुछ लोग जगह-जगह पर इसका विरोध कर रहे हैं। इस लिस्ट में डॉ आनंद रंगनाथन का भी नाम शामिल है। 

डॉ आनंद रंगनाथन ने इस गिरफ्तारी पर अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देकर डॉ अंबेडकर के विचार पेश किए हैं जहाँ डॉ अंबेडकर गाँधी के व्यवहार में ‘चालाकी’ की बात करते हैं। साथ ही ‘बगल में छूरी मुँह में राम’ वाली कहावत का उदाहरण देकर गाँधी को महात्मा मानने से इनकार कर कहते हैं कि उनके लिए गाँधी सिर्फ मोहन दास करमचंद गाँधी हैं। वह गाँधी की राजनीति को भारतीय इतिहास की राजनीति की सबसे बेईमान राजनीति बताते हैं और राजनीति में से नैतिकता खत्म करवाने का जिम्मेदार भी गाँधी को बताते हैं।

बता दें कि उक्त बातें डॉ अंबेडकर ने गाँधी को ‘महात्मा’ बुलाए जाने के संबंध में कही थीं। इसके अलावा उन्होंने 8 फरवरी 1948 को अंबेडकर ने अपनी पत्नी सविता अंबेडकर को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में वो अपनी पत्नी सविता को समझा रहे थे कि वो उनसे सहमत हैं कि गाँधी की मौत इस तरह नहीं होनी चाहिए थी। लेकिन उन्होंने अपने इस पत्र में ये भी साफ कहा था कि उनका अस्तित्व गौतम बुद्ध के अलावा किसी से प्रेरित नहीं है।

इस पत्र में उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि महापुरुष अपने देश की महान सेवा करते हैं। लेकिन एक समय आता है जब वे अपने देश की प्रगति में एक बाधा भी बन जाते हैं।” इस पत्र में उन्होंने लिखा था कि गाँधी इस देश के लिए एक पॉजिटिव खतरा थे। उन्होंने सभी स्वतंत्र विचारों का गला घोंट दिया। वह कॉन्ग्रेस को साथ पकड़े हुए थे, जो समाज में सभी बुरे और स्वार्थी तत्वों का मिश्रण है और जो किसी सामाजिक और नैतिक सिद्धांत को लेकर सहमति नहीं देते केवल गाँधी की चापलूसी के अलावा। ये निकाय देश को चलाने में बिलकुल सही नहीं है।

इसी पत्र के अंत में डॉ अंबेडकर ने कहा, “जैसा कि बाइबल में लिखा है कि कई बार कुछ अच्छी चीज किसी बुरी चीज से ही बाहर आती हैं। मुझे लगता है कि गाँधी की मौत से भी कुछ अच्छा ही होगा। ये लोगों को महान व्यक्ति के बंधन से मुक्त करेगा। यह उन्हें अपने लिए सोचने पर मजबूर करेगा कि उनके फायदे में क्या है।”

कालीचरण महाराज पर कार्रवाई

उल्लेखनीय है कि कालीचरण महाराज पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित ‘धर्म संसद’ में महात्मा गाँधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा था। इसको लेकर उन पर रायपुर और महाराष्ट्र के पुणे में मामला दर्ज किया गया था। अपने खिलाफ केस दर्ज होने के बाद कालीचरण महाराज ने YouTube चैनल के जरिए स्पष्टीकरण दिया था। इसमें कहा था कि उन्हें महात्मा गाँधी के लिए कहे गए अपशब्दों का कोई पश्चाताप नहीं है। उन्होंने पूछा था कि महात्मा गाँधी ने हिन्दुओं के लिए किया ही क्या है? उन्होंने बताया कि किस तरह 14 वोट प्रधानमंत्री पद के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल को मिले, लेकिन शून्य वोट वाले जवाहरलाल नेहरू को पीएम बना कर उन्होंने वंशवाद फैलाया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘हिंदुस्तान में रहना है तो, ख्वाजा-ख्वाजा कहना है’: गणेश पंडाल के आगे इस्लामी कट्टरपंथियों ने लगाए फिलीस्तीन जिंदाबाद के भी नारे, संदिग्ध को पुलिस...

UP के बलरामपुर में गणेश पंडाल के आगे मुस्लिम भीड़ ने फिलिस्तीन समर्थन के साथ लगाए हिंदुस्तान में रहना है तो ख्वाजा ख्वाजा कहना है जैसे नारे

शेख हसीना को हटाने की 2019 से ही चल रही थी साजिश, बांग्लादेश तख्तापलट में लगी थी कई अमेरिकी एजेंसियाँ: रिपोर्ट में दस्तावेजों के...

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने की योजना 2019 में ही बन गई थी। अमेरिका की अलग-अलग एजेंसियाँ इस काम में लगाई गईं थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -