14 फ़रवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के हुए पुलवामा आत्मघाती हमले के मास्टरमाइंड के रूप में जैश-ए-मुहम्मद के मात्र 23 साल के आतंकवादी मुदासिर अहमद खान उर्फ़ ’मोहम्मद भाई’ की पहचान की गई है। पुलिस द्वारा इसकी जानकारी आज (मार्च, 10, 2019) दी गई।
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि पुलवामा ज़िले से स्नातक उपाधि प्राप्त इलेक्ट्रीशियन 23 वर्षीय ख़ान ने आतंकवादी हमले में प्रयुक्त वाहन और विस्फोटकों की व्यवस्था की थी।
त्राल के मीर मोहल्ला का निवासी, ख़ान 2017 में जैश-ए-मुहम्मद में एक ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में शामिल हुआ था और बाद में नूर मोहम्मद तांत्रे, उर्फ़ ’नूर त्राली’ द्वारा आतंकी संगठन जैश में शामिल हो गया, जिसके बारे में माना जाता है कि उसने आतंक को बढ़ावा देने में मदद की।
दिसंबर 2017 में तांत्रे के मारे जाने के बाद, ख़ान 14 जनवरी, 2018 को अपने घर से ग़ायब हो गया था और तब से वो आतंकी गतिविधियो में सक्रिय था। अधिकारियों ने बताया कि आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार, जिसने 14 फ़रवरी को CRPF के क़ाफ़िले में एक बस के आगे अपने विस्फोटक से भरे वाहन को उड़ा दिया था, वो आतंकवादी ख़ान के साथ लगातार संपर्क में था।
अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, ख़ान ने एक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) से इलेक्ट्रीशियन से संबंधित एक साल का डिप्लोमा कोर्स किया। एक मज़दूर का सबसे बड़ा बेटा, ख़ान फ़रवरी 2018 में सुंजवान में सेना के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले में शामिल था, जिसमें छह कर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई थी।
इसके अलावा उसकी भूमिका जनवरी 2018 में CRPF शिविर पर लेथपोरा हमले में भी सामने आई थी, जिसमें CRPF के पाँच जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे। 14 फ़रवरी के आतंकवादी हमले की जाँच में जुटी राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने 27 फ़रवरी को ख़ान के आवास की तलाशी ली थी।
बता देंं कि पुलवामा आतंकी हमले में एक मारुति ईको मिनीवैन का इस्तेमाल किया गया था और इसे हड़ताल से ठीक 10 दिन पहले जैश-ए-मुहम्मद के किसी अन्य संचालक ने ख़रीदा था।
सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, दक्षिणी कश्मीर के बिजबेहड़ा के निवासी सज्जाद भट के रूप में पहचाना जाना वाला जैश संचालक तब से नज़र बचाकर भाग रहा है और ऐसा माना जाता है कि वो अब सक्रिय रूप से आतंकवादी बन गया है।