पूर्व आईपीएस ऑफिसर और मुंबई पुलिस के कमिश्नर रह चुके राकेश मारिया की आत्मकथा रिलीज़ से पहले ही चर्चा में है। राकेश मारिया ने अपनी आत्मकथा लेट मी से इट नाउ (Let Me Say It Now) में मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले में एकमात्र जिंदा गिरफ्तार किए गए आतंकी अजमल कसाब को लेकर बड़े खुलासे किए हैं।
#NewsAlert – Ex-Mumbai CP Rakesh Maria recounts days of Mumbai attacks in his autobiography.
— News18 (@CNNnews18) February 18, 2020
‘Keeping Kasab alive was a top priority. Kasab had ID with Hindu name on it. Dawood Ibrahim gang was given the responsibility of killing Kasab’: Rakesh Maria. @vinivdvc with details. pic.twitter.com/FmcOYFXgOQ
राकेश मारिया ने अपनी किताब में दावा किया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने 26/11 हमले को हिंदू आतंकवाद का जामा पहनाने की भी कोशिश की थी। 10 हमलावरों को हिंदू साबित करने के लिए उनके साथ फर्जी आईकार्ड भेजे गए थे। कसाब के पास भी एक ऐसा ही आईकार्ड मिला था, जिस पर समीर चौधरी लिखा हुआ था।
मारिया ने अपनी किताब में यह भी दावा किया कि मुंबई पुलिस आतंकी कसाब की फोटो जारी नहीं करना चाहती थी। उन्होंने लिखा, “दुश्मन (आतंकी कसाब) को जिंदा रखना मेरी पहली प्राथमिकता थी। कसाब के खिलाफ लोगों का आक्रोश और गुस्सा चरम पर था। इतना ही नहीं, मुंबई पुलिस के ऑफिसर भी आक्रोशित थे। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा आतंकी कसाब को किसी भी हाल में रास्ते से हटाने (मार डालने) की फिराक में थे क्योंकि कसाब मुंबई हमले का सबसे बड़ा और एकलौता सबूत था।”
पूर्व आईपीएस ऑफिसर ने लिखा कि पुलिस ने पूरी कोशिश की थी कि आतंकी की डिटेल मीडिया में लीक न हो। रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी का ये भी दावा है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गैंग को कसाब को मारने की सुपारी मिली थी।
बता दें कि 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में 10 आतंकियों ने तीन जगहों पर हमला किया था। इन हमलों में 166 लोग मारे गए और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इन 10 हमलावरों में बस एक अजमल कसाब ही जिंदा पकड़ा जा सका था। कसाब को 21 नवंबर, 2012 को पुणे के यरवडा जेल में फाँसी दे दी गई थी।
26/11 Terror Act was a ISI & UPA joint operation to launch Hindu Terror operation and ban RSS. It fizzled because a brave Policeman caught Kasab alive. All ten others were killed. They were dressed as Hindus would be. A new investigation necessary.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) February 18, 2020
वहीं बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले में फिर से जाँच की माँग करते हुए कहा है कि 26/11 का मुंबई आतंकी हमला UPA (मनमोहन-सोनिया गाँधी सरकार) और ISI का ज्वाइंट ऑपरेशन था। जिसका मकसद RSS को बैन करना और हिंदुत्व को आतंकवाद से जोड़ना था।
26/11 के 11 साल: बरखा दत्त और उनके गैंग के कारण जब ख़तरे में पड़ गई सैकड़ों जिंदगी