महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के नागपुर और मुंबई के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापा मारा है। एजेंसी एनसीपी नेता के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जाँच कर रही है। इस बीच ईडी सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में बड़ा दावा किया गया है। इसके मुताबिक मुंबई के 10 बार मालिकों ने तीन महीने के भीतर देशमुख को कथित तौर पर 4 करोड़ रुपए दिए थे।
जानकारी के मुताबिक, देशमुख के ख़िलाफ़ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नए खुलासे होने के बाद ईडी 4 जगह छापेमारी कर रही है। इसमें देशमुख का नागपुर वाला आवास भी शामिल है। इसके अलावा जाँच एजेंसी मुंबई में देशमुख के पर्सनल असिस्टेंट कुंदन शिंदे और पर्सनल सेक्रेट्री संजीव पलांदे के घर भी छापेमारी कर रही है। इस मामले में ईडी ने अब तक 10 बार मालिकों के बयान रिकॉर्ड किए हैं। इससे पहले ED देशमुख के घर पर 25 मई को छापेमारी कर चुकी है। ED से पहले CBI ने भी उनके 12 ठिकानों पर छापे मारे थे।
बता दें कि देशमुख के ख़िलाफ़ वसूली का यह मामला इसी साल मार्च में खुला था। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में दावा किया था कि अनिल देशमुख ने निबंलित एपीआई सचिन वाजे को मुंबई के 1750 रेस्तरां और बार से 100 करोड़ रुपए वसूलने का टारगेट दिया था।
इन आरोपों को देशमुख ने सिरे से नकार दिया था। लेकिन इस वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। ईडी ने अप्रैल में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर देशमुख के खिलाफ कथित तौर पर अवैध रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने कहा था कि देशमुख ने अनुचित लाभ हासिल करने के लिए अपने आधिकारिक पद का इस्तेमाल किया और सिंह के आरोप के अनुसार मुंबई पुलिस में तबादलों और पोस्टिंग को भी प्रभावित किया।
उल्लेखनीय है कि जिस निलंबित पुलिसकर्मी सचिन वाजे को टारगेट देने की बात कही गई थी उसके खिलाफ एंटीलिया बम केस और मनसुख हिरेन की मौत मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी जाँच कर रही है। वाजे ने NIA कोर्ट में एक पत्र जमा किया था जिसमें देशमुख के विरुद्ध लगाए गए सभी आरोपों को सच कहा था। साथ ही शिवसेना नेता व परिवहन मंत्री अनिल परब पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। वाजे का कहना था कि देशमुख ने पुलिस विभाग में उसकी बहाली के लिए 2 करोड़ रुपए देने को कहा था।