छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के रोझी गाँव में चोरी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। हैरानी की बात यह है कि वहाँ चोर ने पैसे या जेवरातों की चोरी नहीं की बल्कि उसकी जगह 100 किलो से ज्यादा गाय का गोबर चुराया है। इस संबंध में गाँव के दो किसानों ने स्थानीय गोठान समिति में अपनी शिकायत भी दर्ज करवाई है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, किसानों ने बताया कि उन्होंने अपने बाड़े में गायों का इकट्ठा हुआ गोबर रखा था, जिसे वह राज्य सरकार को बेचने वाले थे। लेकिन सुबह के वक्त दोनों की पत्नियाँ फूलमति और रिचबुधिया अपने-अपने बाड़े में जब गोबर जमा करने की जगह पर पहुँचीं तो वहाँ से गोबर का ढेर गायब था।
इसके बाद दोनों किसानों ने गोठान समिति पहुँचकर इस चोरी की शिकायत को दर्ज करवाया। उन्होंने बताया कि चोर उनके बाड़े से करीब 100 किलो गोबर चुरा कर ले गए। उन्होंने अपने बाड़े में यह गोबर इकट्ठा किया था। मगर जब सुबह सोकर उठे तो वहाँ से सारा गोबर गायब था।
गोठान समिति के अध्यक्ष ने चोरी की घटना पर कहा कि गोबर चोरी होने की घटना एक तरह की नई समस्या है। इस समस्या को रोकने के लिए चोरों का पकड़ा जाना बहुत जरूरी है। समिति के सदस्यों ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए कहा कि वह इस संबंध में पुलिस से संपर्क करेंगे और उनके पास ही शिकायत दर्ज करवाएँगे।
दिलचस्प यह है कि आज तक देश में शायद ही गोबर चोरी का कोई मामला सामने आया हो। मगर, छत्तीसगढ़ में कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाली बाघेल सरकार द्वारा गोधन न्याय योजना नाम की ‘निराली’ स्कीम लॉन्च किए जाने के बाद यह घटना सामने आई है।
इस स्कीम के अंतर्गत कहा गया है कि राज्य सरकार गाय के गोबर को पशुपालक से 2 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदेगी और इसका इस्तेमाल वर्मीकम्पोस्ट या जैविक खाद बनाने के लिए करेगी।
बता दें कि पिछले 5 अगस्त को राज्य सरकार ने पशुओं के गोबर की कीमत पहली बार पशुपालकों को अदा की। उन्होंने 46000 पशुपालकों के अकाउंट में इस नई योजना के तहत 1.65 करोड़ रुपए ट्रांस्फर करवाए, जिससे इस योजना को और मजबूती मिली। साथ ही चोरों की नजर भी गोबर पर आ अटकी।
इस नई योजना के जरिए छत्तीसगढ़ में गोबर की खाद बनाने के साथ कई तरह के उपयोगी सामान गोठान समितियाँ बाजारों में लेकर आ रही हैं। जैसे पिछले दिनों गोबर से बनी राखियाँ बाजारों में उपलब्ध थीं। इनके अलावा गोबर के कंडे, मूर्तियाँ, अच्छी की किस्म की जैविक खाद और कुछ अन्य चीजें भी बन रही हैं।