Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाज27 दंगाइयों पर गैंगस्टर एक्ट, सरगना मोहम्मद ताहिर भी शामिल: जुमे की नमाज...

27 दंगाइयों पर गैंगस्टर एक्ट, सरगना मोहम्मद ताहिर भी शामिल: जुमे की नमाज के बाद लखनऊ में हुई थी हिंसा

योगी सरकार ने हिंसा अथवा दंगे के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को आगजनी या तोड़फोड़ के जरिए नुकसान पहुँचाने वालों के खिलाफ अध्यादेश लाने का भी फैसला किया है। 13 मार्च को यूपी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में ‘उत्तर प्रदेश रिकवरी फ़ॉर डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट अध्यादेश-2020’ अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दी थी।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध की आड़ में उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हिंसा हुई थी। दंगाइयों के खिलाफ राज्य की योगी सरकार सख्ती से कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में लखनऊ पुलिस ने हिंसा के आरोपितों पर गैंगस्टर एक्ट लगा दिया है। 19 दिसंबर 2019 को जुमे की नमाज के बाद थाना ठाकुरगंज क्षेत्र में हिंसक भीड़ ने चौकी सतखंडा में आगजनी और पथराव किया था। इसको लेकर पुलिस ने 28 आरोपितों पर गैंगस्टर्स और एंटी-सोशल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट, 1986 लगाए हैं।

लखनऊ पुलिस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि जाँच में पुष्टि हुई है कि उन्होंने ‘गैंग’ के रूप में ‘सरकार विरोधी गतिविधियों’ की साजिश रची थी। इससे जनता में अफरा-तफरी का माहौल हो गया और कानून-व्यवस्था गम्भीर रूप से प्रभावित हुई। इन पर लखनऊ के सतखंडा इलाके में पुलिस चौकी को आग लगाने के अलावा ‘हत्या करने के इरादे से’ पुलिस पर गोलीबारी का आरोप है। साथ ही अन्य सरकारी कार्यालयों को क्षतिग्रस्त करने और लूटने और सार्वजनिक/निजी वाहनों को आग लगाने का भी आरोप है।

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) विकास चन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि 27 लोगों में उनका ‘गैंग लीडर’ मोहम्मद ताहिर भी शामिल है। उन्होंने कहा कि एक दर्जन से अधिक लोगों को मौके से गिरफ्तार किया गया था, जबकि अन्य को हिंसा की तस्वीरों और वीडियो फुटेज के माध्यम से पहचाना गया था। त्रिपाठी ने कहा कि गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज FIR में अधिकांश आरोपित अभी भी जेल में हैं और जमानत पर बाहर रहने वालों को फिर से गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जाँच में पुष्टि हुई कि इनलोगों ने हिंसा के दौरान समूह बनाकर जान-बूझकर पुलिस चौकी और पुलिस कर्मियों को निशाना बनाया। पुलिस के पास इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाने को सही ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत थे।

गौरतलब है कि योगी सरकार ने हिंसा अथवा दंगे के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को आगजनी या तोड़फोड़ के जरिए नुकसान पहुँचाने वालों के खिलाफ अध्यादेश लाने का फैसला किया है। 13 मार्च को यूपी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में ‘उत्तर प्रदेश रिकवरी फ़ॉर डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट अध्यादेश-2020’ अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दे दी।

बता दें कि योगी सरकार ने हिंसा के आरोपितों के पोस्टर भी लगाए थे जिसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आपत्ति जताते हुए पोस्टर हटाने के आदेश दिए थे। इसके प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की दलीलों को सुनने के बाद मामला बड़ी बेंच को सौंप दिया था। इसी के बाद योगी सरकार ने इस संबंध में अध्यादेश लाने का निर्णय लिया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -