समाजवादी पार्टी महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के समर्थन में लखनऊ में रामचरितमानस की प्रतियाँ जलाने के आरोप में लखनऊ पुलिस ने FIR दर्ज की है। इस केस में स्वामी प्रसाद सहित 10 लोगों को नामजद किया गया है। FIR में कुछ अज्ञात लोग भी शामिल हैं। अब तक 5 आरोपितों की गिरफ्तारी की भी खबर है। इधर स्वामी प्रसाद मौर्य ने खुद को अपने बयान पर कायम बताया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नामजद आरोपितों में स्वामी प्रसाद के अलावा यशपाल सिंह लोधी, देवेंद्र यादव, महेंद्र प्रताप यादव, नरेश सिंह, एसएस यादव, सुजीत ,संतोष वर्मा और सलीम हैं। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वो एक धार्मिक स्थल से जुड़े होने के नाते मौर्य द्वारा कही गई चौपाई को एक बार सुना दें। अखिलेश यादव ने लखनऊ के एक मंदिर में अपना विरोध करने वाले लोगों को भाजपा और संघ के गुंडे कह कर सम्बोधित किया।
वहीं, रविवार को एक बार फिर से इसी मुद्दे पर बोलते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने खुद को अपने बयान पर कायम बताया है।
क्या है FIR में
यह FIR लवी उर्फ़ सतनाम सिंह द्वारा दर्ज करवाई गई है। शिकायत में बताया गया है कि 29 जनवरी 2023 को PGI थानाक्षेत्र में आवास विकास ऑफिस के पास देवेन्द्र प्रताप यादव, यशपाल सिंह लोधी, सतेन्द्र कुशवाह, महेन्द्र प्रताप यादव, सुजीत यादव, नरेश सिंह, एस एस यादव, सन्तोष वर्मा, सलीम व अन्य कुछ अज्ञात लोगों ने भीड़ के आगे रामचरितमानस फाड़ कर उसे जला दिया। शिकायतकर्ता के मुताबिक उसने आरोपितों को रोकने की कोशिश की लेकिन वो नहीं माने। शिकायत में आरोपितों के कृत्य को जानबूझ कर और दंगा भड़काने की नीयत से किया गया बताया है।
पुलिस ने इस केस में IPC की धारा 120 B, 142, 143, 153 A, 295, 295 A, 298, 504, 505 (2) और 506 के तहत कार्रवाई की गई है। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है। बताया जा रहा है कि अब तक देवेंद्र प्रताप यादव, सत्येंद्र कुशवाहा और संतोष वर्मा व 2 अन्य की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस बाकी आरोपितों की तलाश करने के साथ वीडियो में दिख रहे अन्य लोगों को चिन्हित करने का प्रयास कर रही है।