दक्षिणी राजस्थान के डूंगरपुर में खुद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ही जानकारी दी है कि वहाँ कोरोना वैक्सीन के 500 डोज बर्बाद हो गए हैं। ‘टाइम्स नाउ’ ने रिपोर्ट के हवाले से ये खबर दी है। राजस्थान पहले से ही वैक्सीन की बर्बादी को लेकर घिरा हुआ है। भाजपा ने माँग की है कि राज्य में वैक्सीन की बर्बादी की जाँच केंद्रीय स्तर पर हो। प्रदेश के भाजपा नेताओं ने केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की माँग की है।
राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को पत्र लिख कर विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले दे स्थिति से अवगत कराया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से एक जाँच दल भेजने का आग्रह किया और साथ ही वैक्सीन की बर्बादी पर नियंत्रण के लिए कदम उठाने का भी निवेदन किया। उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच रणनीति के लिए राज्य के मार्गदर्शन की भी बात कही। उन्होंने आरोप लगाया कि वैक्सीन फ्रिज में जमाए भी जा रहे हैं।
डॉक्टर हर्षवर्धन पहले ही राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को पत्र लिख कर इस सम्बन्ध में चिंता जता चुके हैं और साथ ही वैक्सीन बर्बादी को रोकते हुए स्थानीय स्तर पर रणनीति बनाने को भी कहा था। उन्होंने जीरो वेस्टेज का लक्ष्य तय करने की सलाह देते हुए नसीहत दी थी कि एक वैक्सीन डोज की बर्बादी का अर्थ है कि हम एक व्यक्ति को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने में अक्षम रहे हैं। राजस्थान सरकार अब भी मात्र 2% वेस्टेज की ही रट लगाए बैठी है।
#NewsAlert | ‘At least 500 vaccine doses wasted’, claims health officials in Rajasthan’s Dungarpur: Report. pic.twitter.com/HhPbxl2BKp
— TIMES NOW (@TimesNow) June 8, 2021
ऊपर से स्थिति ये है कि लोगों को वैक्सीन नहीं मिल रही। बारां जिले में तो 18+ उम्र के लोगों के लिए वैक्सीन ही नहीं बची, जिसके बाद वहाँ के लोग अब मध्य प्रदेश के शिवपुरी जाकर टीका लगवा रहे हैं। ऐसा करने वालों की संख्या 500 से भी अधिक है। पिछले दो सप्ताह से ये सिलसिला चल रहा है। याद दिला दें कि कोरोना की दूसरी लहर की चरम स्थिति में राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के मरीजों का इलाज बंद करा दिया था, जिससे 2 की मौत भी हुई थी।
उधर ‘दैनिक भास्कर’ ने भी कोरोना वैक्सीन की उन 532 वायलों का वीडियो दिखाया, जिन्हें कचरे के ढेर से उठाया गया था। इनमें से 130 वायल पूरी भरी हुई है तो 100 से अधिक ऐसी हैं, जिनमें आधी वैक्सीन भरी है। एक वायल से 10 लोगों को वैक्सीन की डोज दी जाती है।’दैनिक भास्कर’ के अनुसार, वैक्सीन फेंकी और जमीन में गाड़ी ही नहीं गई, बल्कि जिले के लांबा हरिसिंह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास नाले में जली हुई वैक्सीन भी मिली।
वहीं रघुनाथपुरा PHC से कोरोना वैक्सीन को फ्रिज में जमा कर बर्बाद करने का मामला सामने आया है। यहाँ कोरोना वैक्सीन की 50 वायल, अर्थात 500 डोज ऐसी ही लापरवाही के कारण बर्बाद हो गए। चूक की सूचना वरीय अधिकारियों को भी नहीं दी गई और मामला दबा दिया गया। फ्रिज में तापमान 2-8 डिग्री सेल्सियस तक रहना चाहिए, लेकिन इसका ध्यान नहीं रखा गया। अधिकारी जाँच के लिए पहुँचे तो फ्रिज की चाभी किसी कर्मचारी के पास होने की बात कह के बहाना बनाया गया।
राजस्थान का वैक्सीनेशन मॉडल
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) June 7, 2021
कोरोना वैक्सीन के टीके को कचरे में फेंकने और गड्ढे में गाढ़ने के बाद अब फ्रीज में जमाकर बर्बाद किया जा रहा है। एक भी वैक्सीन की बर्बादी किसी को सुरक्षा कवच से वंचित करना है।वैक्सीन को लेकर सरकारी कुप्रबंधन फिर से सिद्ध हो गया है। #GehlotWastedVaccine pic.twitter.com/zis6uXNzLV
इससे पहले ‘दैनिक भास्कर’ ने अपनी पड़ताल में पाया था कि 80% तक भरी हुई वैक्सीन की वायलें जमीन में गाड़ दी जा रही हैं। ऐसे 10 स्वास्थ्य केंद्रों की पड़ताल के बाद अख़बार ने कहा था कि वो सच दिखा रहा है और अपनी जिम्मेदारी निभाता रहेगा। स्वास्थ्य मंत्री को सम्बोधित करते हुए अख़बार ने उन्हें वैक्सीन की बर्बादी रोकने की नसीहत दी थी और कहा था कि उन्हें जो भी सबूत चाहिए, वो दिए जाएँगे पर टीके बर्बाद न हों।