केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की जाँच के सिलसिले में अब तक 34 प्राथमिकी दर्ज की हैं। सीबीआई की वेबसाइट पर अपलोड की गई प्राथमिकी के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी को इनमें से कम से कम दस एफआईआर में ये स्पष्ट हो गया था कि विधानसभा चुनावों में टीएमसी की जीत के बाद हुई चुनाव के बाद की हिंसा राजनीति से प्रेरित थी। इसके अलावा, इन 10 एफआईआर में कम से कम 8 में राज्य के सत्तारूढ़ दल के सदस्यों के अपराधियों के नाम का उल्लेख है।
बीजेपी कार्यकर्ताओं पर टीएमसी के गुंडों ने किया हमला
सीबीआई की वेबसाइट पर अपलोड एक एफआईआर 25 अगस्त 2021 की है। इसका नंबर RC0562021S0005 है। अयान मंडल की ओर से की गई इस शिकायत में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि 14 अगस्त 2021 को दोपहर के करीब 3 बजे टीएमसी के 8 गुंडे उन्हें और उनके भाई को खींचकर एक मुस्लिम बहुल इलाके में ले गए और लाठी तथा लोहे की रॉड से पिटाई की। इस मामले में अबुल शेख, आलमगीर शेख, उज्जवल घोष और अन्य को आरोपित बनाया गया है। ये सभी नदिया के चापरा स्थित हृदयपुर के निवासी हैं। पीड़ित ने कहा है कि उन्हें बीजेपी समर्थक होने की वजह से निशाना बनाया गया।
टीएमसी ज्वाइन करो, नहीं तो जिंदगी नरक कर देंगे
बंदना खेत्रपाल की ओर से 25 अगस्त 2021 को शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस संबंध में दर्ज एफआईआर की संख्या RC0562021S0004 है। इसमें उन्होंने बताया है कि कैसे बीजेपी से जुड़े होने की वजह से उनके बेटे की हत्या की गई। बंदना ने कहा है, “मेरा बेटा कुश खेत्रपाल बीजेपी कार्यकर्ता था। कनन खेत्रपाल, मोतीलाल खेत्रपाल, एसएल कुमार खेत्रपाल, दिलीप खेत्रपाल ने कई बार मेरे बेटे को टीएमसी के लिए काम करने कहा। उन्होंने कहा था कि BJP के लिए काम किया तो जिंदगी नरक कर देंगे।” चुनाव में टीएमसी की जीत के बाद 6 मई को उनके बेटे को वे लोग जबरन अपने साथ ले गए और 8 मई को उसका शव मिला। एफआईआर के मुताबिक शरीर पर चोट के कई निशान थे।
टीएमसी के गुंडों ने हिंदू धर्म को खत्म करने की धमकी दी: मृतक की माँ
एक अन्य शिकायत टुंपा मांझी ने की है, जिसकी प्राथमिकी संख्या RC0562021S0012 है। इसके मुताबिक, 26 अगस्त 2021 को टीएमसी के पाँच गुंडों ने (सभी नाम प्राथमिकी में दर्ज हैं) ने पहले से बने प्लान के तहत लोहे की छड़, हथियार, बम से उनके घर पर हमला किया। तोड़फोड़ के बाद उसके 22 साल के बेटे का अपहरण कर लिया। टुंपा मांझी के बेटे को बेरहमी से पीटा। खून से लथपथ बलराम मांझी जमीन पर गिर पड़े, लेकिन आरोपित उन पर हमला करते रहे।
बाद में जब आरोपितों को पुलिस के आने की खबर मिली तो वे वहाँ से फरार हो गए। टुंपा मांझी ने आरोप लगाया, “उन्होंने हमें धमकी दी कि वे हमारा हिंदू धर्म खत्म कर देंगे और भाग गए।” टुंपा माझी ने कहा कि हमें देर रात गाँव से बाहर नहीं निकलने दिया गया। मेरे घायल बेटे को उसी दिन बर्दवान के बिम्स अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहाँ रात करीब 10 बजे उसकी मौत हो गई। पीड़ित की माँ ने टीएमसी के गुंडों पर 10 लाख रुपए का नुकसान करने का भी आरोप लगाया है।
पति नहीं मिला तो टीएमसी के गुंडों ने पत्नी की ही हत्या कर दी
सीबीआई द्वारा 27 अगस्त 2021 को दर्ज की गई एफआईआर संख्या RC0562021S0017 में शिकायतकर्ता ममोनी खेत्रपाल ने बताया है कि टीएमसी के गुंडे उनके पड़ोसी अनिल खेत्रपाल और उसके बेटे को 3 मई को ढूँढने आए थे। जब उन्हें वहाँ बाप-बेटे नहीं मिले तो गुंडों ने अनिल की पत्नी पर बेरहमी से धारदार हथियार से हमला कर दिया। पीड़िता को पश्चिम बंगाल के बर्धमान के जमालपुर अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया।
शिकायतकर्ता फगल मंडी द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, उनके भाई की हत्या 5 मई 2021 को एक पार्टी विशेष के प्रति राजनीतिक झुकाव के कारण कर दी गई थी।
हत्या के बाद अंडकोष को भी मसल दिया गुंडों ने
एक एफआईआर दिनेश कीर्तनिया की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है। उनके 31 वर्षीय भाई दिलीप कीर्तनिया की 17 अप्रैल की रात हत्या कर दी गई थी। दीनानाथ ने बताया है कि उनके परिवार का लंबे समय से बीजेपी से जुड़ाव रहा है। दिलीप पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता थे। उनके परिवार को बीजेपी के लिए काम नहीं करने की धमकी दी गई थी।
एफआईआर में कहा गया है, “17 अप्रैल को दिलीप बीजेपी के बूथ कैंप ऑफिस में काम कर रहे थे। इसी दौरान दोपहर के करीब 2:30 बजे उनलोगों ने उन्हें फिर धमकी दी। उनसे कहा- तू अब भी BJP के लिए काम कर रहा है, आज तुझे मार डालेंगे।” दीनानाथ ने अपनी शिकायत में कहा है कि पार्टी ऑफिस से काम निपटाने के बाद दिलीप घर लौट आए। खाना खाया। टीवी देखा और फिर सो गए। रात के करीब एक बजे वे पेशाब के लिए घर से बाहर निकले और इसी दौरान उन पर पीछे से हमला किया गया।
सुबह के 5 बजे उनकी माँ ने अपने बेटे का शव देखा। दीनानाथ के मुताबिक दिलीप की हत्या के लिए बदमाश उनके घर के बाहर घात लगाए बैठे थे। उनके सिर पर किसी भारी चीज से वार किया गया। वे जिंदा नहीं बचे यह सुनिश्चित करने के लिए उनका गला और अंडकोष दबाया गया। माँ ने सुबह जब उनकी लाश देखी तो उनके मुँह और नाक से खून बह रहा था।
भाजपा से जुड़े होने के कारण मार डाला
सुफल अधिकारी नाम के शिकायतकर्ता ने एफआईआर लिखवाया है कि टीएमसी के 16 गुंडों ने उनके भतीजे हरन अधिकारी की हत्या करने के साथ अपनी राजनीति महत्वाकांक्षा के चलते कई अन्य लोगों पर भी बेरहमी से हमला किया। उन्होंने कहा कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने अख्तर मोल्ला नाम के एक व्यक्ति के घर के सामने ईंटों और फावड़ियों से हरन पर हमला कर दिया। इसके बाद हरन अधिकारी ने दम तोड़ दिया, जबकि कई अन्य लोग अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहे थे।
आज हमने एक को मारा, कल सबको मारेंगे
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के दत्तपुकुर की रहने वाली मारुफा बीबी ने शिकायत दर्ज कराई है कि 3 मई को सुबह करीब 5:30 पर जब वे लोग अपने खेत पर गए थे तो बदमाशों ने उसके पति और परिवार के अन्य सदस्यों पर हमला कर दिया था। बदमाशों ने पीड़िता को घेर लिया और उसे बेरहमी से पीटा।
जब मारुफा बीबी के पति ने भागने की कोशिश की तो उन्होंने उस पर बम फेंका, जिससे उसका दाहिना हाथ फट गया और पसली की हड्डियाँ फट गईं। मारुफा बीबी के पति की मौके पर ही मौत हो गई। भागते समय गुंडों ने उनसे कहा: “आज हमने एक को मार डाला, कल हम तुम्हारे परिवार के सभी सदस्यों को मार डालेंगे”।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे इसी साल 2 मई को आए थे। नतीजों में सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की जीत सुनिश्चित होते ही राज्य में राजनीतिक हिंसा भड़क उठी थी। विपक्षी दलों खासकर, बीजेपी से जुड़े लोगों और उनकी संपत्तियों को निशाना बनाया गया।
कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई बंगाल हिंसा के मामलों की जाँच कर रही है। हाई कोर्ट ने 19 अगस्त को केंद्रीय एजेंसी को जाँच का आदेश देते हुए 6 सप्ताह के भीतर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। इस सिलसिले में सीबीआई अब तक 34 केस दर्ज कर चुकी है।