Sunday, December 22, 2024
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‘प्रथम दृष्टया मनी लॉन्डरिंग के दोषी हैं सत्येंद्र जैन, ED के पास पर्याप्त सबूत’: सुप्रीम कोर्ट ने दिया तुरंत सरेंडर करने का आदेश, नहीं काम आईं कॉन्ग्रेस नेता सिंघवी की दलीलें

जस्टिस बेला M त्रिवेदी और पंकज मिथल की पीठ ने कहा कि इसमें जरा सा भी शक नहीं है कि मनी लॉन्ड्रिंग में सत्येंद्र जैन का रोल था।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (18 मार्च, 2024) को माना कि AAP (आम आदमी पार्टी) नेता सत्येंद्र जैन प्रथम दृष्टया मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दोषी हैं। उनके सहयोगियिं वैभव जैन और अंकुश जैन को लेकर भी सर्वोच्च न्यायालय की यही राय है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों की संपूर्णता को ध्यान में रखे जाने पर हमारी राय है कि अपीलकर्ता हमें संतुष्ट करने में पूरी तरह विफल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सत्येंद्र जैन और उनके सहयोगी ये साबित करने में विफल रहे कि वो दोषी नहीं हैं।

वहीं ED (प्रवर्तन निदेशालय) के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जाँच एजेंसी के पास पर्याप्त सामग्रियाँ हैं जिनसे पता चलता है कि सत्येंद्र जैन प्रथम दृष्टया दोषी हैं। सत्येंद्र जैन को फिर से जमानत देने से भी सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया और कहा कि वो शर्तों को पूरा करने में विफल रहे हैं। ये मामला 2010-12 और 2015-16 का है। सत्येंद्र जैन को 2022 में ही गिरफ्तार किया गया था। मनी लॉन्ड्रिंग के लिए 4 फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया गया था।

इन कंपनियों में सत्येंद्र जैन का प्रभाव था। सत्येंद्र जैन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कॉन्ग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी बतौर वकील पेश हुए। जस्टिस बेला M त्रिवेदी और पंकज मिथल की पीठ ने कहा कि इसमें जरा सा भी शक नहीं है कि मनी लॉन्ड्रिंग में सत्येंद्र जैन का रोल था। IT स्कीम,2016 के तहत अंकुश और वैभव ने झूठी घोषणाएँ दर्ज की। दोनों ने 8.26 करोड़ रुपयों की अलग-अलग एंट्री की। आयकर विभाग ने इन डिक्लेरेशन को Void माना। यानी, इन्होंने दिखाया कि कंपनियों में ये निवेश उनका है जबकि ये सत्येंद्र जैन का था।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को कहा है कि वो तुरंत विशेष अदालत के समक्ष तुरंत आत्म-समर्पण करें। सत्येंद्र जैन को मई 2022 में गिरफ्तार किया गया था। फ़िलहाल वो जमानत पर बाहर चल रहे हैं। अप्रैल 2023 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्पीडी ट्रायल का अधिकार और न्याय तक पहुँच भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार हैं। इन आरोपों के बावजूद AAP संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन का बचाव करते रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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