दिल्ली की एक अदालत ने डॉक्टर द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक प्रकाश जारवाल और उनके सहयोगी कपिल नागर के खिलाफ आरोप तय किया। कोर्ट ने गुरुवार (11 नवंबर 2021) को इन पर डॉक्टर को आत्महत्या के लिए उकसाने, धमकाने और जबरन वसूली के आरोप तय किए हैं। अदालत ने कहा इनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं।
बता दें कि डॉ. राजेंद्र सिंह ने 18 अप्रैल, 2020 को दक्षिणी दिल्ली के दुर्गा विहार में आत्महत्या कर ली थी। राजेंद्र सिंह ने सुसाइड नोट में जारवाल को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था। जारवाल को आत्महत्या के लिए उकसाने और जबरन वसूली का मामला दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
अदालत की विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने जारवाल और नागर के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 386 (किसी व्यक्ति को मौत या गंभीर चोट के डर में डालकर जबरन वसूली), 384 (जबरन वसूली), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप तय किए। हालाँकि, कोर्ट ने एक अन्य आरोपित हरीश के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 और 386 के तहत लगे आरोप को खारिज कर दिया और आईपीसी की धारा 506 के तहत आरोप तय किया।
अदालत ने कहा, “प्रथम दृष्टया यह बताने के लिए पर्याप्त सामग्री है कि आरोपित प्रकाश जारवाल और कपिल नागर ने मृतक डॉ. राजेंद्र सिंह को दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) में टैंकरों को चलाने के लिए पैसे का भुगतान नहीं करने पर उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी देकर जबरन वसूली की।”
मृतक के बेटे हेमंत सिंह की शिकायत पर FIR दर्ज की गई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके पिता राजेंद्र सिंह 2005 से टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति का काम कर रहे थे। आरोपित प्रकाश जारवाल जीतकर आम आदमी पार्टी के विधायक बने। इसके बाद प्रकाश जारवाल, कपिल नागर और अन्य लोग नियमित रूप से उनके पिता को पैसे के लिए परेशान करने लगे।
उल्लेखनीय है कि मृतक डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के पास से पुलिस ने सुसाइड नोट के अलावा एक डायरी भी बरामद की थी, जिसमें लिखा था, “मेरा इस इलाके में एक क्लीनिक है और मेरे कुछ वाटर टैंकर दिल्ली जल बोर्ड में किराए पर चलते थे, लेकिन एमएलए प्रकाश जारवाल और उसका सहयोगी कपिल नागर मुझसे हर टैंकर के हिसाब से पैसे माँगने लगे। कुछ पैसे दिए भी गए, लेकिन बाद में मेरे सभी टैंकर प्रकाश जारवाल ने दिल्ली जल बोर्ड से हटवा दिए।”
सुसाइड नोट में लिखा था, “टैंकरों को दिल्ली जल बोर्ड से हटवाने के बाद जब उन्हें ओखला के दिल्ली जल बोर्ड में लगवाया गया तो टैंकरों को वहाँ से भी प्रकाश जारवाल द्वारा हटवा दिया गया।” सुसाइड नोट के अनुसार, जारवाल और उनके सहयोगी से उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिल रही थी और इस कारण उनका जीना मुश्किल हो गया था।
दिल्ली पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर आप विधायक प्रकाश जारवाल, कपिल नगर और अन्य के खिलाफ जबरन वसूली और आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया था। बता दें कि हाल ही में दिल्ली के मुख्य सचिव रहे अंशु प्रकाश से कथित मारपीट मामले में अंशु प्रकाश के वकील ने कोर्ट से अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506 सहित अतिरिक्त आरोप तय करने का अनुरोध किया।