Sunday, September 8, 2024
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अब्बा की कब्र पर फातिहा पढ़ेगा मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास, सुप्रीम कोर्ट ने दी इजाजत: 2 दिन परिवार से मेल-मुलाकात को भी दिया, 13 अप्रैल को लौटेगा जेल

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश असिस्टेंट एटॉर्नी जनरल गरिमा प्रसाद ने इस याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अब्बास अंसारी एक गैंगस्टर है जो अपने खिलाफ लंबित 4 अलग-अगल FIR में अंतरिम जमानत माँग रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने मुख़्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को अपने अब्बा के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दे दी है। कासगंज जेल में बंद अब्बास अंसारी को 9 से 12 अप्रैल तक मुख़्तार के अंतिम संस्कार में भाग लेने की अनुमति दी गई है। 13 अप्रैल को अब्बास अंसारी को फिर से कासगंज जेल में दाखिल होना होगा। इस दौरान अब्बास अंसारी को मीडिया से दूर रहने की नसीहत दी गई है। अब्बास की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल ने मंगलवार (9 अप्रैल, 2024) को बहस की है।

हाईकोर्ट से याचिका ख़ारिज होने के बाद अब्बास ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। ‘लाइव लॉ’ के मुताबिक, इस याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने सुनवाई की है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से असिस्टेंट एटॉर्नी जनरल गरिमा प्रसाद ने इस याचिका का विरोध किया। याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए कपिल सिब्बल ने अब्बास अंसारी के लिए 4 दिनों की अंतरिम जमानत माँगी। इस समय में सिब्बल ने मऊ से कासगंज आने-जाने के समय को भी जोड़ा था। अपनी दलील में उन्होंने अब्बास के अब्बा की मौत संदिग्ध हालातों में भी होना बताया है।

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश असिस्टेंट एटॉर्नी जनरल गरिमा प्रसाद ने इस याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अब्बास अंसारी एक गैंगस्टर है जो अपने खिलाफ लंबित 4 अलग-अगल FIR में अंतरिम जमानत माँग रहा है। AAG ने तो यहाँ तक भी कहा कि अंतरिम राहत की माँग का फातिहा से कोई लेना-देना नहीं है, असलियत में अब्बास का मकसद सिर्फ जमानत पाना है। गरिमा प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अब्बास पर कुल 11 गंभीर आपराधिक केस दर्ज हैं ऐसे में उसको राहत देना उचित नहीं होगा।

फोटो साभार: X/LiveLaw

असिस्टेंट एटॉर्नी जनरल ने आगे कहा कि अब्बास अंसारी ने चित्रकूट जेल में भी रहते हुए अपनी गैंग तैयार कर ली थी। उन्होंने यह भी आशंका जताई है कि अब्बास आने वाले कुछ इस्लामी त्योहारों के लिए अंतरिम जमानत चाह रहा हो। उत्तर प्रदेश सरकार का पक्ष रखते हुए गरिमा प्रसाद ने यह भी बताया कि जेल से बाहर निकलने पर अब्बास अंसारी गवाहों को धमका कर केस को प्रभावित कर सकता है। दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया।

अपने आदेश में अदालत ने बताया कि अब्बास अंसारी बुधवार (10 अप्रैल, 2024) को अपने घर जा कर फातिहा पढ़ सकते हैं। इसी के साथ अब्बास को 11 और 12 तारीख़ को भी घर पर अपने परिजनों के साथ समय बिताने की छूट दे दी गई है। 13 तारीख को नियमानुसार अब्बास अंसारी को एक बार फिर से कासगंज जेल में दाखिल होना है। जस्टिस सूर्यकांत ने यह भी कहा कि अब्बास को आज ही यानी मंगलवार (9 अप्रैल) को ही जेल से निकाल कर उनके घर ले जाने की अनुमति दी जाती है। बताते चलें कि अब्बास के अब्बा मुख़्तार अंसारी की 28 मार्च 2024 को बाँदा जिले में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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