अरुणाचल प्रदेश से अगवा किए गए 17 वर्षीय मिराम तरोन को उसके परिवार को सौंप दिया गया है। तरोन के पिता ने चीनी सेना पर अपने बेटे को हिरासत में प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। जीडो गाँव के निवासी तरोन को 18 जनवरी 2022 को अप्पर सियांग जिले से चीनी सेना ने अगवा कर लिया था।
रिपोर्टों के अनुसार मिराम के पिता ओपांग तरोन ने बताया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने हिरासत में उनके बेटे पर काफी अत्याचार किए। करीब एक हफ्ते तक उसकी आँखों पर पट्टी बाँध कर रखी। उसकी पीठ पर लात मारे और बिजली के झटके दिए। बताया जाता है कि यातनाओं के कारण तरोन अभी भी सदमे में है। मिराम जब तक चीनी सेना की हिरासत में रहा उसके हाथ हमेशा बँधे रहते थे। उसका हाथ केवल उसी समय खोला जाता था, जब उसे खाना दिया जाता था। पिता ने बताया कि उनका बेटा बहुत डरा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि मीरम के अगवा किए जाने की जानकारी सबसे पहले बीजेपी सांसद तापिर गाओ ने ट्वीट कर दी थी। उन्होंने बताया था कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक को घटना से अवगत कराते हुए केंद्रीय एजेंसियों से उसकी जल्द सुरक्षित रिहाई के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की गई है। उन्होंने बताया था कि तरोन को उसके दोस्त जॉनी यइयिंग के साथ चीन की सेना ने अगवा कर लिया था। लेकिन जॉनी किसी तरह चीनी सेना के कब्जे से भागने में सफल रहा और तरोन के अपहरण की बात सामने आई।
इसके बाद 27 जनवरी को केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर बताया था, “चीन की पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के युवा मिराम तरोन को इंडियन आर्मी को सौंप दिया है। उसकी मेडिकल परीक्षण समेत तमाम प्रक्रियाओं को पूरा किया जा रहा है।” गौरतलब है कि सितंबर 2020 में चीन की सेना ने अरुणाचल प्रदेश के अप्पर सुबानसिरी जिले से 5 भारतीय युवकों को अगवा कर लिया था। केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद इन युवकों को रिहा कर दिया गया था।